अजयारविन्द नामदेव, शहडोल। जिले के ब्यौहारी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत निपनिया में बड़ा बिजली संकट खड़ा हो गया है। वार्ड क्रमांक 5, 6, 7 और 8 के हरिजन-आदिवासी मोहल्ले में बीती रात से अचानक बिजली सप्लाई काट दी गई, जिससे करीब 250 घरों की बस्ती और 1500 से ज्यादा लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। बच्चों को लालटेन और ढिबरी की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ रही है, वहीं गृहणियों और किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

1500 से ज्यादा लोग अंधेरे में जीने को मजबूर    

हरिजन-आदिवासी मोहल्ले में बीती रात से अचानक बिजली सप्लाई काट दी गई, जिससे करीब 250 घरों की बस्ती और 1500 से ज्यादा लोग अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। बच्चों को लालटेन और ढिबरी की रोशनी में पढ़ाई करनी पड़ रही है। वहीं गृहणियों और किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण बीरबल कोल ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली विभाग की लापरवाही और कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरे मोहल्ले को अंधेरे में धकेल दिया गया है। बच्चों की पढ़ाई ठप है, महिलाएं और बुजुर्ग परेशान हैं, और किसानों की सिंचाई भी प्रभावित हो रही है।

गरीब और अनपढ़ ग्रामीण कर्मचारी की मनमानी का हो रहे शिकार     

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि आउटसोर्स कर्मचारी श्रीधर उरमालिया बिजली बिल के नाम पर लोगों से नकद पैसा तो वसूल करते हैं, लेकिन रसीद नहीं देते। किसी से 2 हजार तो किसी से 3 हजार रुपए तक वसूले गए, लेकिन उनका हिसाब कहीं दर्ज नहीं किया गया।  जागरूकता और ऑनलाइन भुगतान व्यवस्था की जानकारी न होने से गरीब और अनपढ़ ग्रामीण कर्मचारी की मनमानी का शिकार हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि निपनिया पंचायत में इस तरह की समस्या बार-बार सामने आती है। बिजली बिल की सही रसीद न मिलने और भ्रष्टाचार के चलते गरीब आदिवासी-हरिजन परिवारों पर दोहरी मार पड़ रही है।

ऑनलाइन बिलिंग प्रणाली से अनजान ग्रामीण

हकीकत यह है कि बिजली विभाग की ऑनलाइन बिलिंग प्रणाली से अनजान ग्रामीण अपने अधिकारों से वंचित हैं। ऑनलाइन भुगतान न कर पाने और बकाया दिखने के कारण 250 घरों की बिजली काट दी गई। सवाल यह है कि प्रशासन आखिर कब इन आदिवासी-हरिजन परिवारों की सुध लेगा और कब इनकी अंधेरी जिंदगी में उजाला लौटेगा?

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