दिल्ली सरकार ने राजधानी में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बड़ा कदम उठाया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह(Pankaj Kumar Singh ) ने गुरुवार को घोषणा की कि शहर में आयुष स्ट्रेस मैनेजमेंट ओपीडी (Stress management OPD) शुरू की जाएंगी. इन OPD का उद्देश्य लोगों में बढ़ते तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं (mental health problems) की समय रहते पहचान और उपचार करना है. सरकार का कहना है कि इस पहल से मरीजों को सस्ती और आसान चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से लोगों को पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के जरिए तनाव प्रबंधन में मदद मिलेगी और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी व्यापक होगी.

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बढ़ते तनाव और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं को देखते हुए दिल्ली सरकार ने राजधानी में एक नई पहल की घोषणा की है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने गुरुवार को बताया कि अब आयुष स्ट्रेस मैनेजमेंट ओपीडी शुरू की जाएंगी. इसका उद्देश्य मानसिक तनाव की समय रहते पहचान कर उपचार उपलब्ध कराना और लोगों को सस्ती व आसान चिकित्सा सुविधा देना है.

5 प्रमुख केंद्रों पर शुरुआत

सरकार ने जानकारी दी कि इस पहल की शुरुआत फिलहाल 5 प्रमुख आयुष मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से की जाएगी. इनमें शामिल हैं:

आयुर्वेदिक एवं यूनानी तिब्बिया कॉलेज

नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज

चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान

डॉ. बी.आर. सूर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज

इहबास हॉस्पिटल की आयुष इकाइयां

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कब और कैसे मिलेंगी सेवाएं

ये सेवाएं हर मंगलवार और गुरुवार को नियमित OPD समय में उपलब्ध होंगी. स्वास्थ्य मंत्रालय का लक्ष्य है कि आने वाले समय में इस सुविधा को पूरे दिल्ली के 11 जिलों तक विस्तारित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ ले सकें. विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से लोगों को आयुष पद्धतियों के माध्यम से तनाव प्रबंधन का नया विकल्प मिलेगा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी.

लोगों को मिलेंगे ये इलाज

इन ओपीडी में मरीजों का इलाज आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध जैसी पारंपरिक पद्धतियों के जरिए किया जाएगा. इसमें हर्बल दवाएं, पंचकर्म, योग और ध्यान, प्राणायाम तथा जीवनशैली परामर्श शामिल होंगे.

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डॉक्टरों की राय

विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि इन उपायों से चिंता, अनिद्रा, थकान और तनाव जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है. साथ ही, इससे मरीजों की दवाओं पर निर्भरता कम होगी और उनकी जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी.

तनाव को न करें नजरअंदाज

डॉ. सिंह ने कहा, “आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव आम हो गया है. कई लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते और तब तक इलाज नहीं करवाते जब तक यह बड़ी बीमारी का रूप नहीं ले लेता. सरकार चाहती है कि लोग समय रहते अपनी समस्या का समाधान कर सकें.”

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भारत में तनाव की बढ़ती समस्या

भारत में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियाँ लगातार बढ़ रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर सातवाँ व्यक्ति किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है. यही कारण है कि दिल्ली सरकार की यह पहल राष्ट्रीय आयुष मिशन और फिट इंडिया मूवमेंट जैसी योजनाओं से भी जुड़ी हुई है.