मनेंद्र पटेल, दुर्ग। दुर्ग में जिला पंचायत सीईओ ने गोढ़ी पंचायत सचिव को बर्खास्त कर दिया है. सचिव महेश रात्रे पर अपने पद का दुरुपयोग कर 31 लाख 46 हजार रुपए का भ्रष्टाचार का आरोप सिद्ध हुआ है. जिसके बाद महेश रात्रे के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

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दरअसल, यह पूरा खेल महेश रात्रे ने पत्नी सरस्वती रात्रे के जनपद सदस्य रहते हुए किया है. इस मामले का खुलासा अप्रैल महीने में हुआ. महेश रात्रे के खिलाफ शिकायत मिलने के बाद इस पर जांच के लिए धमधा जनपद सीएमओ को निर्देशित किया गया था. सीएमओ के जांच प्रतिवेदन में महेश रात्रे पर लगे आरोप को सही पाया गया.

महेश रात्रे ने ग्राम पंचायत लहंगा के कम्प्यूटर ऑपरेटर जय सिंह कुर्रे और अपने नाम से फर्जी ट्रेडर्स का फर्जी बिल छपवाया और उस बिल में स्वयं का नाम और जय सिंह कुर्रे के नाम से फर्जी बिल बनाया गया और बिना ग्राम पंचायत के भुगतान के राशि का भुगतान भी कर दिया गया. इस बिल में दोनों आरोपियों के मोबाइल नंबर भी अंकित हैं.

सरपंच का आरोप है कि बिना ग्राम पंचायत में संकल्प पारित के राशि का भुगतान कराया गया, और अपने अधीनस्थ कम्प्यूटर ऑपरेटर जय सिंह कुर्रे से पैसे लेकर भ्रष्टाचार किया गया है. रात्रे पर दूसरे गांवों के लोगों को भी फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी करने का आरोप है.

जिला प्रशासन ने महेश रात्रे को अपने पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत करने का पर्याप्त अवसर प्रदान किया गया, लेकिन कोई साक्ष्य व सबूत नहीं प्रस्तुत कर सका, जिसके कारण महेश रात्रे को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है.