Online Gaming Bill: 21 अगस्त को प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 राज्यसभा में भी पास हो गया है. इसके पास होने के साथ ही ऑनलाइन पैसा कमाने वाले गेम पर अब रोक लग जाएगी. इस कानून के आने से बीसीसीआई के स्पॉन्सर ड्रीम 11 को बड़ा झटका लगा है. इतिहास उठाकर देखें तो जिन भी कंपनियों ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर की, उनकी किस्मत ही डूब गई.
Online Gaming Bill: इस वक्त पूरे देश में ऑनलाइन गेमिंग बिल की चर्चा है. जो 21 अगस्त 2025 को संसद में पास हो गया. राष्ट्रपति की मुहर के बाद ये कानून में तब्दील हो जाएगा. इस कानून के तहत वास्तविक पैसे से जुड़े सभी ऑनलाइन गेम्स बंद होना तय है. कानून बनने के बाद अगर कोई ऐसा करते पाया गया तो उसे सजा मिलेगी. इस कानून का सीधा असर उन फैंटेसी गेमिंग कंपनियों और बेटिंग ऐप्स पर पड़ेगा, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में तेजी से ग्रोथ की है. इनमें सबसे बड़ा नाम Dream11. ये वही ड्रीम 11 है, जो इस वक्त टीम इंडिया का आधिकारिक स्पॉन्सर भी है.
जैसे ही संसद में यह बिल पास हुआ तो Dream11 ने भारत में अपनी फैंटेसी गेमिंग सर्विस बंद करने का ऐलान कर दिया. ये पहली बार नहीं है जब BCCI का स्पॉन्सर बड़ी मुसीबत में फंसा हो. लगभग हर बड़े स्पॉन्सर का अंत किसी न किसी परेशानी के साथ हुआ है. मतलब जो भी कंपनी बीसीसीआई की स्पॉन्सर बनी उसका कारोबार ठप हो गया और वो गर्त में चली गई. अब कुछ ड्रीम 11 के साथ भी ऐसा ही होता दिख रहा है.
ड्रीम 11 कब बना था टाइटल स्पॉन्सर?
दरअसल, Dream11 ने जून 2023 में Byju’s को रिप्लेस करते हुए भारतीय टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप ली थी. ड्रीम-11 ने BCCI के साथ 358 करोड़ रुपये का करार किया था और कंपनी भारतीय क्रिकेट टीम की टाइटल स्पॉन्सर बन गई थी. यह डील मार्च 2026 तक चलने वाली थी. इस डील के तहत अभी भी करीब 7 महीने का वक्त बचा हुआ है, लेकिन इस नए कानून के बाद कंपनी के लिए सिर्फ स्पॉन्सरशिप ही नहीं, पूरा बिजनेस खतरे में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बिल के बाद रियल मनी गेम्स चलाना अपराध माना जाएगा.
क्यों ड्रीम 11 को लगा बड़ा झटका?
एक रिपोर्ट्स के अनुसार, ड्रीम 11 की 67% कमाई रियल मनी सेगमेंट से होती थी. उसमें भी कंपनी की अधिकतर कमाई फैंटेसी क्रिकेट जैसे गेम्स से आती थी. इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स पैसे लगाकर अपनी टीमें बनाते थे. जीतने पर कैश प्राइज पाते थे, लेकिन अब नए बिल के तहत ये गेम्स अब गैरकानूनी हो गए हैं. इसलिए ड्रीम 11 को बड़ा झटका लगा है. अब सवाल उठने लगा कि क्या बीसीसीआई के स्पॉन्सरशिप एक अभिशाप है? ऐसा इसलिए क्योंकि जितने भी बड़ी कंपनियों ने बीसीसीआई को स्पॉन्सर किया वो मार्केट से गायब हो गईं. आइए जानते हैं नीचे डिटेल में…
1 – ITC Limited (Wills ब्रांड)

1990 के दशक में भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर विल्स का लोगो दिखता था. ये ब्रांड 1993 से 2021 तक टीम इंडिया का टाइटल स्पॉन्सर रहा, लेकिन जब 2001 में सरकार ने तंबाकू विज्ञापन पर रोक लगाई तो बीसीसीआई के साथ उसका करार खत्म हो गया. 2. सहारा इंडिया जब आईटीसी लिमिटेड का भारतीय क्रिकेट से नाता टूटा तो सहारा इंडिया परिवार की एंट्री हुई.
2 – सहारा इंडिया (Sahara India)

साल 2001 से 2012 तक जुड़ा रहा. बाद में कंपनी पर धोखाधड़ी और भारी जुर्माने (24400 करोड़) का केस आया और BCCI से रिश्ता तोड़ दिया. यहां से सहारा भी मार्केट से गायब हो गया.
3 – स्टार टीवी

सहारा के जाने के बाद स्टार टीवी ने भी बीसीसीआई का दामन थामा. वही स्टार, जिनके खेल चैनल पहले से ही बाजार पर छाए हुए थे. सभी को लगा कि ये डील लंबी चलेगी, लेकिन हितों के टकराव के चलते 2017 में डील खत्म हो गई.
4 – ओप्पो

सहारा से डील खत्म होने के बाद चीनी मूल की मोबाइल कंपनी ओप्पो 2017 में भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सर बनी. उनसे खूब पैसा लगाया, लेकिन 2 साल के अंदर यानी 2019 में ही उसके रास्ते अलग हो गए. बिजनेस मैनेजमेंट की दिक्कतों के चलते वो पीछे हट गई.
5 – BYJUs

2019 में ओप्पो के बाद BYJUs के रूप में एक और तेजी से उभरता हुआ बिजनेस ब्रांड सामने आया, था, जो अपने ऐप्स के जरिए एजुकेशन के क्षेत्र में धूम मचा रहा हा था. टीम इंडिया का स्पॉन्सर बनने के बाद वित्तीय संकट ने BYJUs को बुरी तरह प्रभावित किया, लिहाजा वो डील खत्म हो गई. ये वही बायजू (BYJU’s) कंपनी थी, जो तेजी से बढ़ती नजर आई थी, लेकिन भारी वित्तीय संकट के चलते डील 2020 यानी बीच में ही खत्म हो गई. ओप्पो और बीसीसीआई के रास्ते जब अलग होते नजर आए फिर 2021 में बायजूस ने भारतीय क्रिकेट टीम के जर्सी प्रायोजक के रूप में एंट्री की. उसने ओप्पो और बीसीसीआई के साथ त्रिपक्षीय समझौते में इस सौदे को बचा लिया. फिर 2019 में वो पूरी तरह टीम इंडिया का स्पॉन्सर बना. 2022 में उसके रास्ते भी अलग हो गए. इसके बाद 2023 में ड्रीम 11 के साथ डील हुई थी.
अब Dream11 का आगे क्या होगा?

अब सवाल उठता है कि Dream11 का क्या होगा? वो इस झटके से कैसे निकल पाएगी. तो आपको बता दें कि इस कंपनी के पास अभी भी दूसरे कुछ बिजनेस हैं, जहां उसका पैसा लगा हुआ है. इनमें FanCode (स्ट्रीमिंग) और Cricbuzz (क्रिकेट वेबसाइट) भी शामिल है. हालांकि उसकी कमाई का मेन जरिया तो फैंटेसी गेमिंग था, जिस पर अब ताला लगने वाला है. ऐसे में देखना होगा कि कंपनी BCCI के साथ बचा हुए 7 महीने का कॉन्ट्रैक्ट को पूरा कर पाएगी या नहीं.
ऑनलाइन गेमिंग बिल से कितना पर ज्यादा असर होगा?
ऑनलाइन गेमिंग बिल का सबसे बड़ा असर क्रिकेट इंडस्ट्री और विज्ञापन क्षेत्र पर पड़ने वाला है. Dream11 ने टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सरशिप 44 मिलियन डॉलर (लगभग 358 करोड़ रुपये) में हासिल की थी, जबकि My11Circle ने IPL फैंटेसी राइट्स 5 साल के लिए 625 करोड़ रुपये (सालाना 125 करोड़ रुपये) में लिए थे. एक्सपर्ट्स का ये मानना है कि रियल मनी गेमिंग पर रोक लगने से विज्ञापन क्षेत्र को करीब ₹17,000 करोड़ का नुकसान हो सकता है. जिसका असर खिलाड़ियों की व्यक्तिगत स्पॉन्सरशिप के साथ ही कबड्डी-फुटबॉल की घरेलू लीग्स पर भी पड़ेगा.
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H