मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में चातुर्मास चल रहा हैं। जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हुए। उन्होंने जिज्ञासा समाधान कार्यक्रम में हिस्सा लिया और चरण वंदन कर आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं इतना बड़ा नहीं हुआ कि ‘मुनिश्री के सामने खड़ा होकर कुछ कह सकूं।’ वहीं जैन समाज की विचारधारा को जनकल्याण और जगकल्याण की सोच बताया हैं।

शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अशोकनगर जिले पहुंचे। जहां उन्होंने मुनिश्री सुधासागर जी महाराज के चातुर्मास स्थल पहुंचकर चरण वंदन किया और आशीर्वाद लिया। इस दौरान सिंधिया ने कहा कि जन्म से जैन बनने का मौका नहीं मिला, लेकिन कोशिश करता हूं कि अपने कर्म से जैन समाज का नागरिक बनू।

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वहीं केंद्रीय मंत्री ने ‘जियो और जीने दो’ को विश्व कल्याण का सूत्र भी बताया। सिंधिया ने संयुक्त परिवार और साफ दिल से जीवन जीने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि धंधा बनाने से पहले अपना घर बनाओ, तभी सच्चा सुख मिलेगा। वहीं जय जिनेंद्र के उद्घोष के साथ सिंधिया ने अपना संबोधन खत्म किया।

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