दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) पर हुए हमले की गुत्थी लगातार पेचीदा होती जा रही है। बुधवार को जनसुनवाई के दौरान हुए इस हमले की कहानी किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं लग रही। 39 वर्षीय ऑटो ड्राइवर राजेशभाई खिमजीभाई साकरिया को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था। अब जांच में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी के एक दोस्त ने न सिर्फ उसे हमले की योजना के बारे में पहले से जानकारी थी, बल्कि उसने उसे 2000 रुपये की आर्थिक मदद भी की थी।
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दोस्त को थी हमले की जानकारी
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी राजेशभाई ने अपने खतरनाक प्लान की जानकारी गुजरात में एक दोस्त को पहले ही दे दी थी। यही नहीं, इस दोस्त ने उसे हमले से पहले 2,000 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर भी किए। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ दोस्ती थी या फिर किसी गहरी साजिश का हिस्सा? गुरुवार रात दिल्ली पुलिस की एक टीम राजकोट पहुंची और राजेशभाई के संपर्क में रहे चार-पांच लोगों से पूछताछ की। वहीं उस दोस्त को भी दिल्ली लाया गया है और उसे जांच में शामिल होने का नोटिस थमाया गया है।
.सीएम पर हमले की जांच में तेजी, राजकोट से संदिग्ध हिरासत में
मुख्यमंत्री पर हमले की जांच में तेजी लाने के लिए दिल्ली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राजकोट में कुछ संदिग्धों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया है। अधिकारियों का कहना है कि इनमें से तहसीन सैयद से अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है, जो मामले की गुत्थी सुलझाने में मददगार साबित हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, तहसीन द्वारा आरोपी को भेजा गया 2,000 रुपये का ऑनलाइन ट्रांसफर सीधे तौर पर इस मामले से जुड़ा हुआ पाया गया है, जिसे पुलिस ने संदिग्ध माना है। यही वजह है कि तहसीन का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। फिलहाल दिल्ली पुलिस कुल पांच लोगों से पूछताछ कर रही है और इस जांच में अधिक सटीक जानकारी हासिल करने के लिए गुजरात पुलिस की मदद भी ली जा रही है।
हमले के पीछे की अजीब वजह बता रहा
राजेशभाई के हमले की वजह सुनकर जांच एजेंसियां भी हैरान हैं। पहले उसने दावा किया कि वह अपने एक रिश्तेदार के लिए इंसाफ मांगने दिल्ली आया था, जो जेल में बंद है। लेकिन पूछताछ के दौरान उसने बात बदल दी और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया स्ट्रीट डॉग्स संबंधी आदेश से आहत होकर उसने यह कदम उठाया। राजेशभाई का कहना है कि वह राजकोट में करीब 150-200 कुत्तों की देखभाल करता है और दिल्ली में जानवरों के साथ कथित दुर्व्यवहार ने उसे विचलित कर दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उसने पुलिस को बताया कि उसे ‘दिव्य दर्शन’ हुए—जहाँ उसने एक शिवलिंग और कुत्ते को देखा और एक ‘दैवीय शक्ति’ ने उसे जानवरों के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी। अब बड़ा सवाल यही है कि क्या यह सच है या फिर जांच को भटकाने की कोशिश? पुलिस इस रहस्य को सुलझाने में जुटी है।
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दिल्ली तक बिना टिकट का सफर
जांच में सामने आया है कि राजेशभाई ने हमले से पहले एक लंबा और रहस्यमय सफर किया था। 17 अगस्त को वह उज्जैन पहुँचा और वहाँ से बिना टिकट और बिना सामान के ट्रेन पकड़कर 19 अगस्त की सुबह दिल्ली आ गया। राजधानी पहुँचने के बाद उसका पहला पड़ाव एक हनुमान मंदिर था। इसके बाद वह सीधे गुजराती समाज के गेस्टहाउस पहुँचा, जो मुख्यमंत्री के सिविल लाइंस आवास से सिर्फ 700 मीटर की दूरी पर है। रिकॉर्ड्स बताते हैं कि राजेशभाई ने 19 अगस्त को दोपहर 2:52 बजे चेक-इन किया और हमले वाले दिन सुबह 7:25 बजे चेक-आउट कर दिया।
मोबाइल डेटा से मिले अहम सुराग
पुलिस ने राजेशभाई का मोबाइल जब्त कर उसकी कॉल हिस्ट्री, इंटरनेट ब्राउजिंग रिकॉर्ड और बैंक ट्रांजैक्शंस की गहन जांच शुरू कर दी है। शुरुआती छानबीन में यह साफ हुआ कि दिल्ली पहुंचने के बाद उसने अपने परिवार और दोस्तों से बातचीत की थी। जांच में उस दोस्त द्वारा भेजे गए 2,000 रुपये के ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की भी पुष्टि हो गई है। अब पुलिस इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या यह सिर्फ मदद थी या फिर आरोपी का दोस्त भी इस पूरी वारदात का साजिशकर्ता था। अगर ऐसा साबित होता है तो उस पर भी भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
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CMआवास की सुरक्षा बढ़ाई गई
हमले की घटना के बाद मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया गया है। गुरुवार सुबह से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने सुरक्षा की कमान अपने हाथों में ले ली है। CRPF अब न सिर्फ सीएम आवास की निगरानी कर रही है, बल्कि जनसुनवाई की पूरी व्यवस्था की समीक्षा भी कर रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की किसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
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