रामकुमार यादव, सरगुजा। अंबिकापुर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से ऑक्सीजन लगे मरीज के परिजनों को स्ट्रैचर में ले जाना पड़ा. घटना का वीडियो सामने आने के बाद अब अस्पताल प्रबंधन अपना अलग तर्क दे रहा है. अब सवाल यह है कि अस्पताल प्रबंधन आखिर कब इस बात को गंभीरता से लेगा, जब कोई बड़ा हादसा हो जाए!
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दरअसल, मेडिकल कॉलेज अस्पताल दो हिस्सों में बंटा है. बीच से नेशनल हाइवे गुजरता है. अस्पताल के दूसरे हिस्से में महिला सर्जिकल व एमसीएच संचालित होता है. ऐसे में इलाज के लिए भर्ती मरीजों को सड़क पार कर इधर से उधर जाना होता है. इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस की व्यवस्था की है, लेकिन जरूरत के समय मरीज को नहीं मिले तो क्या हाल होता है. इसका नजारा हाल ही में देखने को मिला.

एक महिला मरीज को समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नकीपुरिया वार्ड से अस्पताल के दूसरे हिस्से में सड़क पार कर स्ट्रेचर में ले जाया जा रहा है. साथ में मरीज को लगे ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर अस्पताल की महिला कर्मचारी चल रही है. तो परिवार के दूसरे सदस्य स्ट्रेचर को धकेल कर आगे बढ़ा रहे हैं.
इस पूरे वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि नेशनल हाइवे पार करते समय कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. इस तरह के मामलों में मरीजों के परिजन कई बार अस्पताल में हंगामा भी कर चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन है कि समझने को तैयार ही नहीं है.

इस संबंध में अंबिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरसी आर्या ने दलील दी कि हमारी व्यवस्था में कोई कमी नहीं है, हमने इसके लिए एक एंबुलेंस रखा गया है. लेकिन जब यह मरीज आया, उसी समय एंबुलेंस एक गंभीर मरीज को लेकर निकल चुकी थी. कुछ देर बाद एंबुलेंस आ भी गई, लेकिन परिजन खुद ही मरीज को ले गए.
बड़े मियां तो शुभानअल्लाह….
पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. हाल ही में तखतपुर के उपस्वास्थ्य केंद्र बिजली के अभाव में डॉक्टर को महिला की डिलीवरी टार्च की रोशनी में डिलवरी करना पड़ा था. तीन दिन से सोशल मीडिया में पूरे वाकये का वीडियो हलचल मचा रहा है, लेकिन मंत्री जी को पता ही नहीं है.
इस संबंध में जब स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने मासूम का जवाब दे दिया कि मुझे घटना की जानकारी नहीं है! फिर उन्होंने कहा कि किन परिस्थितियों में टॉर्च से डिलीवरी करना पड़ी है, इस बात का पता कराएंगे. अस्पताल में बिजली की सुविद्या उपलब्ध कराई जाएगी, और यदि जानबूझकर कोई कर रहा है, तो विधिसम्मत कार्रवाई करेंगे.
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