भुवनेश्वर : आवारा कुत्तों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए ओडिशा सरकार ने घोषणा की है कि अब राज्य भर में आवारा कुत्तों को केवल निर्धारित स्थानों पर ही खाना खिलाने की अनुमति होगी।

मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने शनिवार को यह घोषणा की, और इस कदम को पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुरूप बताया।

न्यायालय के आदेश के अनुसार आवारा कुत्तों को उनके मूल स्थानों पर वापस भेजने से पहले उनकी नसबंदी, टीकाकरण और कृमिनाशक दवा दी जानी चाहिए। हालाँकि, रेबीज या आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखा जाएगा।

मंत्री मल्लिक ने बताया कि ओडिशा में अनुमानित 7 लाख आवारा कुत्ते और 64,000 पालतू कुत्ते हैं। राज्यव्यापी जनगणना जल्द ही शुरू होगी और सभी आवारा कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी की जाएगी। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखा जाएगा।

नगरपालिकाएँ सड़कों पर या घरों के पास कुत्तों को खाना खिलाने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाएँगी। स्थानीय निकायों द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही भोजन देने की अनुमति होगी। मांस का कचरा फेंकने या आवारा पशुओं को अनुचित तरीके से भोजन देने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सड़कों के पास खुले में मांस काटने और फेंकने पर प्रतिबंध रहेगा।

सामाजिक संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों से नए दिशानिर्देशों का पालन करने और केवल स्वीकृत स्थानों पर ही भोजन देने का आग्रह किया गया है।