बवाना थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल हरीश की सतर्कता ने दिल्ली में दो बड़े गैंग के बीच खूनी गैंगवार को नाकाम कर दिया है। नतीजा ये हुआ कि जेल में रची गई साजिश को अंजाम देने के लिए होटल में ठहरे तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया। यह सुराग एक होटल के बाहर कई दिन से खड़ी बाइक से पता चला।

डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने हेड कॉन्स्टेबल की सूझबूझ पर शाबाशी देते हुए रिवॉर्ड दिया है। साथ ही पुलिस हेड क्वार्टर में भी प्रपोजल भेजा गया है। डीसीपी हरेश्वर स्वामी के मुताबिक 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर एरिया डोमिनेशन का अभियान चल रहा था। इसमें बवाना थाने के हेड कॉन्स्टेबल हरीश ने सतर्कता के एक संदिग्ध बाइक को होटल के बाहर देखा। यह काफी समय से वहीं खड़ी थी।

बाइक के मालिक की जानकारी लेने पर पता चला कि वह पिछले तीन दिन से होटल में ही ठहरा हुआ है। हरीश ने तुरंत होटल मैनेजमेंट से संपर्क कर कमरे की जांच की। इसमें तीन युवक संदिग्ध परिस्थितियों में मिले। तलाशी में उनके पास से एक पिस्टल, एक देशी कट्टा और कारतूस मिले हैं। आरोपियों की पहचान अंजर आलम (20), रितिक (20) और राजेश कुमार (28) के तौर पर हुई है।

गैंगस्टर हिमांशु भाऊ से जुड़े तार पूछताछ में पता चला कि रितिक को टारगेट की रेकी का काम सौंपा गया था। अंजार और राजेश को वारदात को अंजाम देना था। विदेश में छिपे बैठे गैंगस्टर हिमांशु भाऊ ने अंजार से संपर्क कर 70 हजार रुपये भी भेजे थे। सभी आरोपी वट्सएप पर लगातार संपर्क में थे। मालूम चला कि दिल्ली में राजेश बवानिया गैंग और नवीन बाली बैंग के बीच पुरानी रंजिश चल रही है। इसमें अब तक कई लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं। जेल में बंद नवीन बाली ने फिलहाल साजिश रची थी।

गैंगवार की पृष्ठभूमि और साजिश का खुलासा

दिल्ली में लंबे समय से राजेश बावानिया और नवीन बाली गैंग के बीच खूनी गैंगवार चल रही है. अब तक कई हत्याएं हो चुकी हैं, जिनमें अजय उर्फ बहादुर और धर्मवीर उर्फ बिल्लू की हत्या शामिल है. जांच में सामने आया कि जेल में बंद नवीन बाली ने बदला लेने के लिए यह साजिश रची थी.

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