डेस्क स्टोरी, भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार क्यों गिरी ? उस दिन डिनर पर क्या हुआ था ? इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। जिसके बाद प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया। दिग्विजय के बाद कमलनाथ की प्रतिक्रिया भी सामने आई। फिर क्या था कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की बयानबाजी के बाद भारतीय जनता पार्टी को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया और वह कांग्रेस पार्टी पर लगातार हमलावर हो गई।

5 साल बाद फिर बाहर आया जिन्न

एमपी में पांच साल बात एक बार फिर सरकार गिरने का जिन्न सामने आया है। इसे लेकर कांग्रेस के दो दिग्गज नेता आमने-सामने है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक दूसरे को सरकार गिरने का जिम्मेदार बताया है। इसकी शुरुआत कुछ तरह से हुई… दरअसल, हाल ही में दिग्विजय सिंह एक निजी चैनल के पॉडकास्ट में कहा कि ‘हमें जिन पर पूरा भरोसा था, उन्हीं ने धोखा दिया। यह विचारधारा (आइडियोलॉजिकल) का क्लैश नहीं बल्कि व्यक्तित्वों का टकराव (क्लैश ऑफ पर्सनालिटी) था।

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डिनर मीटिंग और लिस्ट का राज

दिग्गी ने एक बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट के घर हुई डिनर पार्टी के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि एक उद्योगपति के घर डिनर पार्टी हुई थी। जिसमें कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल थे। दिग्विजय ने यह भी बताया कि इसके बाद उन्होंने अपने घर पर डिनर का आयोजन किया था। यहां भी कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए थे। इस बैठक में सभी समस्याओं को लेकर सूची तैयार हुई थी। जिसमें मैंने भी साइन किए थे, लेकिन लिस्ट का पालन नहीं किया गया।

…सरकार गिरने की नौबत ही नहीं

पूर्व सीएम दिग्विजय ने माना कि अगर कमलनाथ ग्वालियर-चंबल संभाग से जुड़ी मांगों को मान लेते, तो शायद सरकार गिरने की नौबत ही नहीं आती।’ दिग्गी ने साफ कहा कि कमलनाथ ने सिंधिया से किए गए समझौते का पालन नहीं किया। यही वजह थी कि मामला सुलझ नहीं पाया और कांग्रेस की सरकार गिर गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘मेरा न तो माधवराव सिंधिया से विवाद था और न ही सिंधिया से, समस्या समझौते के अमल न होने की थी।’

दिग्गी के बयान के बाद कमलनाथ ने दी ये प्रतिक्रिया

दिग्विजय के इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रतिक्रिया भी सामने आई। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (X) पर पोस्ट कर लिखा- ‘मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाजी की गई है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फायदा नहीं। लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराजगी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिरायी।’

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दिग्गी-कमलनाथ के बयानबाजी से घिरी एमपी कांग्रेस, बीजेपी हमलावर

कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेताओं की बयानबाजी से प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया। दिग्विजय-कमलनाथ की बयानबाजी के बाद एमपी कांग्रेस घिर गई। दोनों नेताओं के बयानों ने भारतीय जनता पार्टी को हमला करने का मौका भी दे दिया। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यही उस सरकार का तमाशा था। जनता पूछती है कौन सरकार चला रहा है। उमंग सिंघार ने भी कहा था- सरकार रिमोट कंट्रोल से चल रही है।

भाजपा ने कांग्रेस को बताया नकारा

रामेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि सिंधिया जी का सार्वजनिक अपमान किया गया। सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की मंडली को सड़क पर ला दिया और आज दिग्विजय सिंह, कमलनाथ हाशिये पर आ गए हैं। वहीं बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कमलनाथ सरकार गिरने के पीछे की असल वजह दिग्विजय सिंह को बताया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय पर्दे के पीछे सरकार चला रहे थे। संगठन सृजन के दौरान दोनों नेता पुत्र मोह में उलझे। कांग्रेस सरकार में भी थी नकारा, विपक्ष में भी नकारा हैं।

15 साल का खत्म हुआ था इंतजार, लेकिन 15 महीने में ही गिर गई सरकार

गौरतलब है कि एमपी में साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। लेकिन कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी और बहुजन समाज पार्टी के साथ सरकार बनाई। मध्य प्रदेश में 15 सालों के संघर्ष और लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की। कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन 15 महीने के अंदर ही कमलनाथ सरकार गिर गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। कमलनाथ सरकार गिरने की वजह अक्सर दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच की लड़ाई को माना जाता है, लेकिन अब दिग्विजय के इस खुलासे से एक बार फिर सरकार गिरने का जिन्न बाहर आ गया है। इसे लेकर प्रदेश की सियासत भी गरमाई हुई है।

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