लक्ष्मी कांत बंसोड़, डौंडी। बालोद जिले के आदिवासी ब्लॉक डौंडी के नारंगसुर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव में स्कूल न होने से यहां के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा तक के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है. वहीं नदी नालों में पुल न होने से स्कूल जाने के लिए नाले में उतरकर स्कूल जाने को नौनिहाल मजबूर हैं.
वहीं बारिश के मौसम में गांव के किसी व्यक्ति के गंभीर बीमार होने पर व गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने के लिए डोली-खटोली के सहारे अस्पताल तक ले जाना पड़ता है. जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी की दूरी पर स्थित है.
ग्रामीणों के बताया कि हमारे गांव के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए तीन से चार किमी तक कीचडय़ुक्त सड़क में पैदल चलकर बिना पुल के नदी पार करके नलकसा जाना पड़ता है, वहीं 10 वीं 12 वीं बच्चों को शिक्षा के लिए कुमुरकट्टा जाना पडता है. कई बार छात्रों को बारिश के मौसम में नाले का जल स्तर बढऩें के कारण बाढ़ आने से बिना स्कूल गए ही वापस घर लौटना पड़ता है.
छात्र तरुण कुमार ने बताया कि हमारे गांवृ से हम 4 किलोमीटर पढ़ाई करने जाते है नाले के उपर काफी पानी भरा होने से परेशानी होती है फिर भी जान जोखिम मे डालकर पुल पार करने को मजबूर हैं.
वहीं जनपद सीईओ भुवनेश्वर सिंह राज ने कहा कि पुल का सेंसन हो गया है बहुत जल्द पुल का निर्माण कीया जायेगा. बच्चों को हो रही तकलीफ जल्दी ही दूर होगी.
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