लखनऊ। उत्तर प्रदेश के IAS अधिकारी संदीप भागिया पर महिला अधिकारियों ने यौन उत्पीड़न के संगीन आरोप लगाए है। शिकायत करने पर जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया लेकिन अधिकारी ने अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए खुद के अधीनस्थों को जांच कमेटी में एंट्री करवा दी। जिससे जांच की निष्पक्षता पर ही सवाल उठने लगे।

फर्जी आरोप में फंसाकर निलंबित कराने का आरोप

बता दें कि IAS अधिकारी संदीप भागिया पर महिला अधिकारियों ने ऑफिस में घंटों घूरना, रातभर वीडियो कॉल करना, छुपकर वीडियो बनाना जैसे गंभीर आरोप लगाए है। साथ ही विरोध करने वाली महिला अधिकारियों को फर्जी आरोपों में फंसाकर निलंबित कराने का भी आरोप है।

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यौन उत्पीड़न के आरोप के बाद 8 अगस्त को विशाखा कमेटी बनाई गई लेकिन 10 दिनों में ही कमेटी को बदल दिया गया, क्योंकि उसमें “चहेते अफसर” शामिल नहीं थे। जिस अधिकारी पर आरोप है, उसी ने अपने मातहतों की कमेटी बना दी। जिसके चलते जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठ गए।

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आरोप है कि IAS संदीप भागिया खुद जांच को नियंत्रित कर रहे हैं, ताकि सच बाहर न आ सके। स्टेट GST विभाग में महिला अधिकारियों के लिए ‘टॉक्सिक’ माहौल बन गया है। डर और दबाव में महिला अफसर काम करने को मजबूर है। लिखित शिकायत के बावजूद अब तक स्वतंत्र जांच नहीं हुई है। जांच को भटकाने का प्रशासनिक खेल उजागर हो गया है।