रायपुर. राज्य में नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली बच्चों का अपार आईडी के लिए फार्म भरवाया जा रहा है, ताकि उनके सभी सर्टिफिकेट एक डिजीटल लॉकर में सुरक्षित रहे. इसके लिए स्कूली बच्चों का आधार कार्ड पंजीयन अनिवार्य है. राजधानी में पालकों के सामने यह समस्या आ रही है कि स्कूल खुलने से पहले जिन बच्चों के आधार कार्ड के लिए मार्च महीने में एप्लाई किया गया था, उसमें से 90 फीसदी रिजेक्ट हो गए हैं. राजधानी के अधिकांश आधार सेवा केंद्रों में इन दिनों पालकों की बड़ी भीड़ नजर आ रही है, जहां फिर से बच्चों को लेकर आधार कार्ड बनवाने कतार में खड़े हैं.

मोवा स्थित आधार सेवा केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक 100 बच्चों में से 90 बच्चों के आवेदन रिजेक्ट हो गये हैं. इसे लेकर पालकों में आक्रोश है. पालकों का कहना है कि आधार कार्ड के लिए आवेदन क्यों रिजेक्ट हुआ है? इसकी कोई सही जानकारी नहीं दे रहा है. मजबूरी में फिर से आधार कार्ड के लिए नए सिरे से आवेदन करना पड़ रहा है. यदि एक आधार सेवा केंद्र में 100 में से 90 बच्चों का आवेदन रिजेक्ट हुआ है, तो पूरे प्रदेश का आंकड़ा चौंकाने वाला हो सकता है. पालकों का कहना है कि इतना ही नहीं आधार कार्ड एप्लाई के लिए 50 रुपए का शुल्क भी डूब गया. चूंकि स्कूलों का दबाव है, इसलिए मजबूरी में अपार आईडी के लिए पुनः आवेदन करना पड़ रहा है.