अविनाश श्रीवास्तव/ सासाराम। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन के भीतर तनाव की स्थिति बनती दिख रही है। भाकपा-माले के काराकाट विधायक अरुण सिंह ने कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस राजद और माले की जीती हुई सीटों पर भी उम्मीदवारों के आवेदन ले रही है। अरुण सिंह का कहना है कि यह गठबंधन धर्म के खिलाफ है और कांग्रेस को केवल अपनी तय सीटों पर ही दावेदारी करनी चाहिए।

चयन की प्रक्रिया शुरू कर चुकी

दरअसल, प्रीणीति शिंदे की अध्यक्षता में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी सासाराम से उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। प्रीणीति का तर्क है कि सीट बंटवारा अभी तय नहीं हुआ है, इसलिए सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। लेकिन माले का कहना है कि यह गठबंधन की एकता को कमजोर करेगा।

19 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी

माले ने 2020 विधानसभा चुनाव में 19 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी और 2024 लोकसभा चुनाव में तीन में से दो सीटों पर कब्जा जमाया था। इसी आधार पर अरुण सिंह का कहना है कि माले को कम से कम 40 सीटें मिलनी चाहिए और हर जिले में उसकी हिस्सेदारी होनी चाहिए। उनका मानना है कि गरीब, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग में माले का मजबूत जनाधार महागठबंधन के लिए अहम है।

कांग्रेस की रणनीति इस बार आक्रामक दिख रही

कांग्रेस की रणनीति इस बार आक्रामक दिख रही है। 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि इस बार 50-55 सीटों की उम्मीद जताई जा रही है। बावजूद इसके पार्टी ने सभी 243 सीटों पर आवेदन मंगवाए हैं। स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन अगस्त में पटना में दावेदारों से मिल चुके हैं। प्रीणीति शिंदे का कहना है कि समय पर प्रचार शुरू करने के लिए यह प्रक्रिया जरूरी है।

गठबंधन में अविश्वास पैदा करेगा

माले का तर्क है कि उसकी जीती हुई काराकाट और तरारी सीटों पर कांग्रेस का दावा गठबंधन में अविश्वास पैदा करेगा। रोहतास जिले में कांग्रेस को पिछले चुनाव में करगहर और चेनारी सीटें मिली थीं, इसलिए माले का सुझाव है कि कांग्रेस इन्हीं पर ध्यान केंद्रित करे।