सुशील सलाम, कांकेर. पदोन्नति व पदस्थापना के नाम पर जिला शिक्षा विभाग में गड़बड़ी सामने आई है. शिक्षा विभाग में प्रधानपाठकों ने काउंसिलिंग में सही जगह नहीं मिलने पर अपनी सेटिंग कर सिंगल-सिंगल आदेश निकलवाकर अपनी मनचाही जगहों पर पदस्थापना करा ली थी. पूरी गड़बड़ी का फर्दाफाश होने के बाद विभाग के संयुक्त संचालक ने 94 प्रधानपाठकों की पोस्टिंग को तत्काल रद्द कर दिया है. साथ ही उन्हें वापस काउंसिलिंग में मिली जगहों पर भेज दिया गया है. अब यह जांच चल रही है कि इस पूरे खेल के पीछे किस मास्टरमाइंड का हाथ है, जिसके खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की तैयारी है.
गौरतलब है कि प्रधानपाठक प्राथमिक शाला पदोन्नति की पदस्थापना में अनियमितता को लेकर शिक्षक संघों ने इसकी शिकायत करते प्रदर्शन किया था. इस पर ज्वाइन डायरेक्टर शिक्षा संभाग बस्तर जगदलपुर जब जुलाई 2025 में कांकेर दौरे पर पहुंचे तो उन्होंने प्रधानपाठक प्राथमिक शाला पदोन्नति के पदस्थापना संबंधी दस्तावेजों की जांच की थी, जिसमें शिकायत सही पाई गई. जांच में पदोन्नति पश्चात पदस्थापना में अनियमितता पाई गई.

320 रिक्त पदों के पर की गई थी पदस्थापना
जांच में पाया गया कि पदोन्नति के लिए जारी कुल 320 रिक्त पदों के लिए पदस्थापना की कार्रवाई की गई है. इसमें 94 प्रधानपाठकों का एकल पदस्थापना आदेश जारी कर काउंसिलिंग में हुई पदस्थापना के स्थान में परिर्वतन किया गया है. इसके लिए संबंधित उच्चाधिकारी व विभाग से कोई दिशा-निर्देश भी नहीं लिया गया था, जिससे यह पदस्थापना सूची रद्द कर दी गई.
नए सिरे से होगी काउंसिलिंग : डीईओ
इस मामले में कांकेर जिला शिक्षा अधिकारी रमेश निषाद ने बताया कि ज्वाइंट डायरेक्टर ने इस पर जांच टीम गठित की थी तब पोस्टिंग में खेल की कहानी सामने आई है. वर्तमान में सभी 94 प्रधानपाठकों को मूल स्थान पर भेज दिया गया है. साथ ही नए सिरे से फिर से इनकी काउंसिलिंग की जाएगी.
इन प्रधानपाठकों की पोस्टिंग निरस्त







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