पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। उदंती सीतानदी के बफर जोन में करीबन 4 हजार हेक्टयर में फैले जंगल उजाड़ कर दिए गए हैं. यहां पेड़ों की कटाई और अतिक्रमण के मामले में अब उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं. मंत्री के निर्देश पर अतिरिक्त पीसीसीसीएफ देवाशीष दास को जांच टीम का प्रमुख बनाया गया है. उनके साथ 4 अन्य आईएफएस अधिकारी भी जांच टीम में होंगे.
बता दे कि इंदाग़ाव वन परिक्षेत्र में वन अधिकार पट्टे के नाम पर उजाड़े गए जंगल का मामला अगस्त माह में हुआ था. हालांकि इस मामले में सीसीएफ एचएल रात्रे 20 सितंबर को 7 सदस्यी उड़नदस्ता की एक टीम भेज कर विभागीय जांच करा रहे थे. काटे गए वनों की संख्या व उजड़े रकबे के अनुपात में इस जांच को नाकाफी माना जा रहा था. क्योकि जांच डिप्टी रेंजर द्वारा नेतृत्व किये जा रहे उड़न दशता से हो रही थी. ओड़िशा से आये अतिक्रमणकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर जंगलों का सफाया की जानकारी मंत्री अकबर के संज्ञान में आई है जिसके बाद तुरंत संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के निर्देश देकर 15 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है.
प्रधान वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने वनमंत्री के इस आदेश की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच दल गठित कर संबंधित अफसरों को सूचित कर दिया गया है.
उदन्ति सीतानदी अभयारण्य में नव पदस्थ डिप्टी डायरेक्टर विष्णू राज नायर ने बताया कि पहले इस बात का पता लगाना है कि ओड़िशा के अतिक्रमणकारी किस तरह का दबाव बनाते है जिससे समय पर कार्यवाही क्यों नही हो पाती इसकी भी पड़ताल करेंगे. जरूरत पड़ी तो ओड़िशा के अफसरों का भी सहयोग लिया जाएगा.
जांच दल की अध्यक्षता अतिरिक्त पीसीसीएफ देवाशीष दास कर रहे हैं, सीसीएफ एचएल रात्रे, सीसीएफ एसएफ बड़गैय्या, डिप्टी डायरेक्टर उदन्ति सीतानदी विष्णु राज नायर, डीएफओ उदन्ति वन मंडल मयंक अग्रवाल जांच दल के सदस्य होंगे.