देश के 4 लाख से टैक्सदाता आयकर विभाग के रडार पर हैं. विभाग ने अब तक 1 लाख लोगों को नोटिस भी भेज दिया है. ये नोटिस आयकर रिटर्न फाइल करने से जुड़ी खामियों को लेकर जारी किए गए हैं. विभाग इनके अलावा और चार लाख लोगों को भी नोटिस जारी कर सकता है. ये कार्रवाई आयकर विभाग की नई फेसलेस असेसमेंट स्कीम के लागू होने के बाद की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिन एक लाख टैक्सपेयर्स को नोटिस जारी किए गए हैं उनसे 15 दिन के भीतर आईटीआर रिटर्न फाइल को लेकर अनियमितताओं पर जवाब देने के लिए कहा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग ने यह कार्रवाई नोटिस स्क्रूटनी नोटिस भेजे जाने की फाइनल डेट (30 सितंबर 2019) से पहले की है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टैक्सपेयर्स को भेजे गए कुल नोटिसों में से 10 हजार नोटिस डिलीवर नहीं हुए या फिर वापस आ गए. बता दें कि वित्त मंत्रालय ने हाल ही में इस वित्त वर्ष के लिए कम्प्यूटर-अस्सिटेड स्क्रूटनी सेलेक्शन (सीएएसएस) यानि की ई-असेसमेंट की व्यवस्था की है. इस व्यवस्था के तहत स्क्रूटनी के 100 मापदंड तय किए गए हैं. टैक्सपेयर्स को इन्हीं के आधार पर संदेह के आधार पर नोटिस जारी किए गए हैं.
इसमें टैक्सपेयर्स द्वारा जानबुझकर विदेशी इनकम और अचल संपत्ति का खुलासा न करना, हाई-वेल्यू ट्रांजेक्शन, लॉंग टर्म कैपिटल गेन की गलत रिपोर्टिंग, टीडीएस क्लेम क टैक्स फॉर्म से गलत मिलान, पति/पत्नी या फिर रिश्तेदार के नाम पर किए गए निवेश का खुलासा न करना, डिफेक्टिव रिटर्न भरना जैसे मापदंड बनाए गए हैं.
बता दें कि ई-असेसमेंट में टैक्सपेयर्स के रिटर्न फाइल करने में खामी पाए जाने पर ‘फेस टू फेस’ बातचीत न होगी. इसमें बातचीत पूरी तरह से इलेक्ट्रानिक होगी. यानि कि जो भी नोटिस भेजे जाएंगे वह खाताधारक के अकाउंट में इलेक्ट्रानिक माझध्यम से भेजे जाएंगे. इसमें सरकार ने जगह-जगह ई-असेसमेंट सेंटर बनाने की भी घोषणा की है.