अविनाश श्रीवास्तव/रोहतास। जिले के डेहरी से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां साइबर पुलिस ने ठगी का शिकार हुए पीड़ित से 11 लाख 40 हजार रुपये की राशि को उनके खाते में वापस ट्रांसफर करवा दिया। इसके साथ ही एक नाबालिग साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास से साइबर ठगी से जुड़े कई सामान बरामद हुए हैं।

साइबर ठगी का शिकार हुआ पीड़ित

यह मामला 17 अप्रैल को तब सामने आया, जब डालमियानगर निवासी अनिल कुमार ने साइबर पुलिस थाना में आवेदन दिया। उन्होंने बताया कि किसी ने उन्हें सस्ते में लोहे का सरिया रॉड बेचने का झांसा देकर 11 लाख 40 हजार रुपये की ठगी कर ली थी। इस आवेदन के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और मामले की गहराई से जांच की।

पुलिस की छानबीन और रुपये की वापसी

पुलिस ने साइबर ठगी के इस मामले को गंभीरता से लिया और तीन महीने तक लगातार छानबीन की। इसके परिणामस्वरूप पुलिस ने 11 लाख 40 हजार रुपये की राशि को पीड़ित के खाते में ट्रांसफर करवा दिया। यह कार्रवाई साइबर पुलिस द्वारा की गई थी। ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में सक्रिय रूप से काम कर रही है।

साइबर अपराधी की गिरफ्तारी

इसी दौरान पुलिस ने एक नाबालिग साइबर अपराधी को नालंदा से गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से दो लैपटॉप, पांच मोबाइल फोन, एक कार के कागजात, और एक बैंक चेक भी बरामद किया गया। चेक की राशि 4 लाख 22 हजार रुपये थी, जो साइबर ठगी से जुड़ी हुई थी।

साइबर अपराध पर नियंत्रण

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ साइबर अपराध की धारा में केस दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराधों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और इस तरह के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी बातें

साइबर पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे ऑनलाइन लेन-देन करते समय हमेशा सतर्क रहें और अजनबी लोगों के साथ किसी भी तरह का व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें। साथ ही, यदि कोई संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधि का सामना करें तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए किल्क करें