सुरेंद्र जैन, धरसींवा. किसी ने सच ही कहा है सरकारें बदल जाती हैं पर नीतियां नहीं बदलती और न गरीब किसान की किस्मत बदलती है. सत्ता परिवर्तन के बाद भी मुरेठी के किसान बाबूलाल की किस्मत आज तक नहीं बदली है. उसने अब उपतहसील कार्यालय के सामने आंदोलन का निर्णय लिया है.
मुरेठी निवासी किसान बाबूलाल निषाद ने बताया कि गांव के समीप ही उसकी डेढ़ एकड़ कृषि भूमि से ही परिवार का भरण पोषण होता था. लेकिन 12 साल पहले उसकी जमीन के आसपास की सिलतरा की एसकेएस फैक्ट्री प्रबंधन ने खरीद ली और उसमें अपनी फैक्ट्री की डस्ट डालना शुरू कर दिया. इससे उसकी कृषि भूमि चारों तरफ काली डस्ट से घिर गई. साथ ही नहर से निकले जिस कुलापा से सिंचाई के लिए उसकी जमीन तक पानी जाता था, वह भी उसमें दब गई. इतना ही नहीं कई बार उसी की जमीन में भी काली डस्ट डाली गई. इन सभी कारणों से वह उसकी जमीन में कृषि कार्य नहीं कर पा रहा है.
समस्या से निजात पाने उसने बीते बारह सालों में राजस्व विभाग से लेकर ऐसा कोई दरवाजा नहीं जो खटखटाया न हो, लेकिन कहीं से भी उसे न्याय नहीं मिला. आशा थी कि सरकार बदलेगी तो न्याय मिलेगा लेकिन अब तक न्याय न मिलने से उस उम्मीद पर भी पानी फिर गया.
बाबूलाल का कहना है कि उसकी जमीन पर कृषि कार्य न कर पाने से वह इतना परेशान हो गया है कि अब उसने तय किया है कि वह न्याय नहीं मिलने तक सोमवार से ही धरसींवा उपतहसील के सामने शान्तिपूर्ण आंदोलन कर न्याय की गुहार लगाएंगे. इसके लिए उसने उपतहसील कार्यालय एवं सिलतरा चौकी पुलिस को पूर्व सूचना भी दे दी है.
इस संबंध में अतिरिक्त तहसीलदार द्विवेदी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका. हांलाकि सिलतरा चौकी प्रभारी लेखन वर्मा ने बताया कि उन्हें किसान द्वारा लिखित सूचना दी गई है. इस संबन्ध में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है.