मनेन्द्र पटेल, दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पुलिस ने सरकारी नौकरी का लालच देकर 70 लाख रुपए की ठगी करने वाले ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है. शातिरों ने अंजोरा स्थित सरकारी वेटनरी कॉलेज के स्टाफ क्वार्टर में बुलाकर 12 लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. मामले में अंजोरा पुलिस ने मुख्य आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उनका साथी अब भी फरार है. 

पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत

जानकारी के मुताबिक, बालोद जिले के ग्राम चीरचार निवासी संतराम देशमुख (54 वर्ष) ने 2 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि आरोपी भेषराम देशमुख (62 वर्ष), उसका बेटा रविकांत देशमुख (32 वर्ष) और साथी अरुण मेश्राम (राजनांदगांव निवासी) ने उन्हें मंत्रालय में नौकरी दिलाने का वादा किया. इस बहाने उनसे 5 लाख रुपये नगद ले लिए गए, लेकिन न तो नौकरी मिली और न ही कोई नियुक्ति पत्र.

अन्य पीड़ित भी सामने आए पीड़ित

संतराम की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की. इस दौरान अन्य प्रार्थी लोमश देशमुख और हेमंत कुमार साहू भी सामने आए. उन्होंने भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने उनसे सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर नकद और ऑनलाइन पेमेंट लिया है. पीड़ितों द्वारा दिए गए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और रकम का ब्यौरा पुलिस ने जप्त कर लिया.

70 लाख की ठगी का किया खुलासा

पुलिस ने जांच के बाद 6 सितंबर को भेषराम देशमुख और रविकांत देशमुख को दुर्ग बस स्टैंड से गिरफ्तार किया. पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने अरुण मेश्राम के साथ मिलकर करीब 70 लाख रुपये की ठगी की है. इसमें से पिता-पुत्र ने अपने हिस्से के लगभग 20 लाख रुपये लिए, जिनमें से 12 लाख रुपये से ग्राम कुथरेल में प्लॉट खरीदा गया था. बाकी रकम खर्च कर दी गई.

पुलिस ने जब्त की आरोपियों की संपत्ति

गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने 12 लाख रुपये में खरीदे गए प्लॉट की रजिस्ट्री, बैंक पासबुक और डायरी जब्त की है. वहीं, तीसरा आरोपी अरुण मेश्राम अब भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है.