लखनऊ। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कई मासूमों की जान जाने के मामले में फरार चल रहे डॉक्टर कफील अहमद को आखिरकार पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले ही लिया. इससे उन परिजनों के घाव पर थोड़ा मरहम जरूर लगा होगा, जिनके बच्चे लापरवाही की भेंट चढ़ गए. बता दें कि डॉ कफील को आज यानि शनिवार सुबह उत्तरप्रदेश एसटीएफ ने राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया. अब उसे गोरखपुर पुलिस के हवाले किया जाएगा. कफील बीआरडी मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल के इन्सेफलाइटिस वॉर्ड के इंचार्ज और बालरोग विभाग के हेड थे.
बता दें कि बच्चों की मौत के मामले में 9 लोग आरोपी बनाए गए हैं. जिसमें पुष्प सेल्स के मनीष भंडारी, कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के हेड डॉ सतीश, और कॉलेज के कर्मचारी लिपिक सुधीर, उदय और संजय अभी भी फरार चल रहे हैं. वहीं प्रिंसिपल डॉ राजीव मिश्रा को निलंबित किया गया था. साथ ही राजीव मिश्रा और उनकी पत्नी पूर्णिमा को पुलिस ने कानपुर से गिरफ्तार किया था और फिलहाल वे दोनों 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं.
बच्चों की मौत का सिलसिला अब भी जारी
इधर गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत रुकी नहीं है. अफसोस और हैरानी की बात ये है कि बच्चों की मौत से अस्पताल प्रबंधन ने कोई सबक नहीं सीखा है. यहां 29 -30 अगस्त को भी 24 घंटों के भीतर 13 बच्चे असमय काल कवलित हो गए. इन बच्चों की मौत अलग-अलग बीमारियों से होने की बात कही जा रही है. सब मिलाकर अगस्त के महीने में 399 बच्चों की जान जा चुकी है.
गिरफ्तार डॉ कफील पर कई गंभीर आरोप
डॉ कफील पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं. खुद अस्पताल के कई कर्मचारियों ने ये स्वीकार किया है कि ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदी में कमीशनखोरी चल रहा था. वहीं कफील पर मेडिकल कॉलेज का ऑक्सीजन सिलेंडर अपने प्राइवेट क्लीनिक में भी इस्तेमाल करने का भी आरोप है.