सत्या राजपूत, रायपुर। आयुष्मान भारत योजना कार्ड का दुरुपयोग थमने का नाम नहीं ले रहा है। गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज के लिए सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को कुछ निजी अस्पताल लूट का जरिया बना रहे हैं। ऐसा ही ताजा मामला श्याम नगर रोड स्थित स्वास्तिक नर्सिंग होम से सामने आया है, जहां पैर के साधारण घाव के इलाज के नाम पर मरीजों से डेढ़ लाख रुपये की लूट की गई। पीड़ित मरीज महेश कुमार सिहानी ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।


महेश कुमार सिहानी ने बताया कि उनके पैर में मामूली घाव होने पर वे स्वास्तिक नर्सिंग होम पहुंचे थे। अस्पताल ने इलाज की लागत मात्र 60-70 हजार रुपये बताई थी, लेकिन वास्तविकता में नगद 40 हजार रुपये ले लिए गए और बाकी राशि आयुष्मान कार्ड से गबन कर ली गई। लगभग डेढ़ लाख रुपये का फर्जी बिल बनाकर मरीज को ठगा गया। सिहानी ने कहा कि मुझे आईसीयू में बिठाकर नाटकीय ढंग से फोटो खिंचवाया गया, ताकि इलाज को गंभीर दिखाया जा सके। उसने बताया कि जब मैंने सवाल किया, तो अस्पताल स्टाफ ने कहा, “तुम्हारा क्या जा रहा है? यह सरकार का पैसा है। इससे तुम्हें मतलब नहीं।”

यह मामला अकेला नहीं है। पीड़ित महेश कुमार सिहानी के अनुसार, उनके आसपास भर्ती सभी मरीजों के साथ यही लूट का सिलसिला चला। यहां हर मरीज को फर्जी इलाज का शिकार बनाया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड को चारागाह बना दिया गया है। पीड़ित ने अस्पताल की मान्यता रद्द करने और तत्काल बंद करने की मांग की है, ताकि अन्य गरीबों को ठगे जाने से बचाया जा सके।
पीड़ित मरीज सिहानी ने बताया कि अस्पताल के आयुष्मान मित्र और प्रबंधन से जानकारी मांगी, तो उन्हें खुली धमकियां मिली। साक्ष्य के रूप में उनके पास रिकॉर्डिंग भी है, जिसमें कहा गया कि यदि आप शिकायत करेंगे तो पूरा 1.50 लाख रुपये नगद देना होगा। हॉस्पिटल वालों ने धमकाया कि पीएम-जेएवाई से भुगतान न होने पर दबाव डालेंगे। शिकायत की तो रायपुर में कहीं इलाज नहीं होने देंगे। इतना ही नहीं, एक कर्मचारी ने भावुक अपील की कि शिकायत करने से मेरी नौकरी चली जाएगी, इसलिए चुप रहो।
अस्पताल का पक्ष
हॉस्पिटल के पक्ष लेने के लिए स्वास्तिक नर्सिंग होम अस्पताल के डायरेक्टर पोषण लाल को फोन करने पर उन्होंने कहा कि देखता हूं, दिखवाता हूं और फोन काट दिया। जब उन्हें दोबारा कॉल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही खबर लिखे जाने तक उनकी ओर से न ही कोई जवाब आया है। यह रवैया अस्पताल की संलिप्तता को उजागर करता है।
ऐसे अस्पतालों पर हो कार्रवाई
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्तिक नर्सिंग होम सहित ऐसे अस्पतालों को तुरंत ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए। पीड़ित सिहानी ने कहा कि सरकार को जागना होगा। गरीबों का खून चूसने वाले हॉस्पिटल को बंद करना चाहिए।
जांच के बाद होगी कार्रवाई : CMHO
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर डॉक्टर मिथलेश चौधरी ने कहा कि मामले की जांच होगी और जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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