सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने नेपाल की जेलों से फरार हुए 60 कैदियों को भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 22 कैदियों को उत्तर प्रदेश, 10 को बिहार, और तीन को पश्चिम बंगाल में हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई जेलब्रेक घटनाओं के बाद की गई। अधिकारियों ने बताया कि नेपाल से भागे हुए कैदियों के पकड़े जाने की संख्या अब भी बढ़ रही है। फिलहाल सीमा पर सतर्कता और निगरानी और अधिक सख्त कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गिरफ्तारियां
सिद्धार्थनगर जिले में भारत-नेपाल सीमा पर SSB ने 22 कैदियों को हिरासत में लिया। इनमें से पांच कैदियों को 10 सितंबर को एक त्वरित कार्रवाई के दौरान पकड़ा गया, जब वे अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारियों के अनुसार, ये कैदी नेपाल की काठमांडू स्थित डिल्लीबाजार जेल से फरार हुए थे। इनके पास कोई वैध पहचान पत्र नहीं था, जिसके आधार पर SSB ने उन्हें हिरासत में लिया और स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये कैदी नेपाल में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान जेल में उत्पन्न अराजकता का फायदा उठाकर भागे थे।
एसएसबी की सतर्कता और बढ़ी हुई सुरक्षा
भारत-नेपाल सीमा, जो 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, की सुरक्षा को सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने और सख्त कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने सभी 26 पारस्परिक व्यापार मार्ग, 15 यातायात मार्ग, छह एकीकृत जांच चौकियां और 11 सीमा जांच चौकियां हाई अलर्ट पर रखा है। SSB की खुफिया इकाई सीमावर्ती गांवों में निगरानी कर रही है ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ और गलत सूचनाओं को रोका जा सके। इसके साथ ही महिला कर्मियों को भी कई जांच चौकियों पर तैनात किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति, जैसे नेपाल से अचानक प्रवेश की स्थिति, को तुरंत संभाला जा सके।
सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने महाराजगंज, सीतामढ़ी, रक्सौल और सुपौल जिलों में फ्लैग मार्च आयोजित किए ताकि सीमा पर अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया जा सके। इस कदम से न केवल सुरक्षा बलों की सतर्कता बढ़ी है, बल्कि स्थानीय लोगों और अधिकारियों को भी सीमा पर हालात पर निगरानी का भरोसा मिला है। साथ ही, SSB की साइबर विंग सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं को रोकने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है, ताकि किसी भी तरह की अफवाह या भ्रम फैलाने वाली खबरों से सीमा पर स्थिति प्रभावित न हो।
बिहार और पश्चिम बंगाल में भी कार्रवाई
बिहार में एसएसबी ने 10 अंडरट्रायल कैदियों को हिरासत में लिया, जो नेपाल की जेलों से भागकर भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। ये कैदी 10 सितंबर को पकड़े गए और उन्हें आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई के लिए बिहार पुलिस के हवाले किया गया।
वहीं, पश्चिम बंगाल में तीन अन्य कैदियों को सीमा पर पकड़ने में सफलता मिली। अधिकारियों के अनुसार, ये गिरफ्तारी दर्शाती है कि भारत के सुरक्षाबल सीमा पर पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सतर्क हैं।
नेपाल में अशांति के बाद जेलब्रेक की घटनाएं
नेपाल में ‘जेन-जी’ के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों ने देश में गंभीर अशांति पैदा कर दी है। इन प्रदर्शनों के दौरान, काठमांडू की डिल्लीबाजार जेल समेत महोत्तरी, नवलपरासी पश्चिम और सप्तारी जैसे क्षेत्रों में कई जेलब्रेक की घटनाएं हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने एक जेल में आग लगाने की कोशिश की, जिससे कई कैदी भागने में सफल रहे। नेपाल पुलिस की स्थिति भी चुनौतीपूर्ण रही, कई थाने खाली कर दिए गए और केवल पुलिस मुख्यालय पर अधिकारी मौजूद थे। इस कारण अराजकता और बढ़ गई। नेपाल सेना को तुरंत जेलों के आसपास तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और आगे किसी अप्रत्याशित घटना को रोका जा सके।
नेपाल में विभिन्न जेलों से 7,000 से ज्यादा कैदी फरार
पश्चिमी नेपाल की एक जेल में सुरक्षाकर्मियों और बंदियों के बीच हुई झड़प में कम से कम पांच किशोर कैदियों की मौत हो गई है। वहीं, सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान देश की विभिन्न जेलों से 7,000 से अधिक कैदी फरार हो गए हैं। बढ़ती हिंसा और अराजकता को देखते हुए नेपाल सरकार ने सेना की मदद से बुधवार को देशभर में कड़े प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए हैं। इसके अलावा, हालात काबू में रखने और संभावित हिंसा रोकने के लिए कई जगहों पर कर्फ्यू भी लगाया गया है।
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