देहरादून। नेपाल में भड़की हिंसा को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नेपाल में Zen-G का ग़ुस्सा जिस प्रकार सत्ता, प्रशासन, संसद जैसे लोकतांत्रिक संस्थानों सहित राष्ट्रीय धरोहर पर फूटा, यहां तक की धर्मस्थल तक भी फूटा। युवाओं की भविष्य की राह रोककर के खड़े हो जाते हैं तो यही परिणाम देखने को मिलता है।
समाज शास्त्रियों के लिए गहरे अध्ययन का विषय
हरीश रावत ने कहा कि जिस प्रकार उन्होंने चुन-चुन कर वर्तमान और पूर्व राजनेताओं के घरों और उनकी संपत्तियों को लठ्ठ बनाया, यह समस्त घटनाक्रम लोकतांत्रिक समाज शास्त्रियों के लिए गहरे अध्ययन का विषय है। जब लूट और भ्रष्टाचार, सत्ता के शिष्टाचार में बदल जाता है। बेरोजगारी, पलायन, गरीबी-अमीरी के बीच का बढ़ता हुआ अंतर, महिलाओं सहित कमजोर तपके पर बढ़ते हुये अत्याचार, युवाओं की भविष्य की राह रोककर के खड़े हो जाते हैं तो यही परिणाम देखने को मिलता है।
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इससे पहले उन्होंने कहा था कि नेपाल में ध्वस्त होती व्यवस्था व धूं-धूं जलती आकांक्षाएं, मुझे 1990 की याद दिला रही हैं। नेपाली कांग्रेस का काठमांडू में पहला ओवर ग्राउंड अधिवेशन आयोजित हुआ था। भारत की ओर से उस सम्मेलन में मुझे, चंद्रशेखर, सुब्रमण्यम स्वामी , सांसद व CPM के महासचिव सीताराम येचुरी, वरिष्ठ पत्रकार व सांसद अकबर के साथ भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का सौभाग्य मिला।
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