प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) शनिवार से पांच राज्यों के अपने दौरे की शुरुआत मणिपुर से करेंगे। यह दौरा खास है क्योंकि दो साल पहले मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच भड़के जातीय संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री पहली बार मणिपुर पहुंचेंगे। मणिपुर के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने इस दौरे की आधिकारिक घोषणा की। प्रधानमंत्री चुराचांदपुर और इंफाल दोनों जगह जाएंगे, जहां वे हिंसा से विस्थापित लोगों से मिलेंगे और कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। मोदी इंफाल (मैतेई बहुल इलाका) और चुड़ाचांदपुर (कुकी बहुल इलाका) में जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि यह दौरा न केवल विकास योजनाओं को गति देगा, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे जातीय तनाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
दोनों समुदायों को साधने की करेंगे कोशिश पीएम
मणिपुर हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद 3 मई 2023 को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष शुरू हो गया था। इसके बाद कुकी समूहों ने असम से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 समेत कई सड़कों को अवरुद्ध कर दिया था। इस हिंसा ने राज्य को गहरे सामाजिक और राजनीतिक संकट में डाल दिया।
विपक्ष के आरोप
विपक्षी दल लंबे समय से प्रधानमंत्री मोदी पर मणिपुर न जाने का आरोप लगाते रहे हैं। उनका कहना था कि राज्य में जारी संकट पर केंद्र सरकार की चुप्पी और प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति से स्थिति और गंभीर होती गई। मोदी की यह यात्रा इन आलोचनाओं के बीच हो रही है और सरकार इसे शांति और विकास का संदेश देने का अवसर मान रही है।
विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे
विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वे दोनों समुदायों को साधने के उद्देश्य से इंफाल (मैतेई बहुल क्षेत्र) और चुड़ाचांदपुर (कुकी बहुल क्षेत्र) में जनसभाएं भी करेंगे। सरकार का मानना है कि यह दौरा लंबे समय से अस्थिरता का सामना कर रहे मणिपुर में शांति और स्थिरता बहाल करने में मददगार साबित होगा।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू
हिंसा पर काबू पाने और विश्वास बहाल करने के लिए इस साल फरवरी में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। इसके बाद सरकार ने दोनों समुदायों के साथ अलग-अलग और फिर संयुक्त बैठकें कीं। ये प्रयास पिछले महीने रंग लाए, जब दिल्ली में हुई वार्ताओं में कुकी उग्रवादी गुटों ने ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन’ समझौते पर हस्ताक्षर किए और सहमति जताई कि उनके शिविर मैतेई बहुल इलाकों से दूर कर दिए जाएंगे। इसी तरह कुकी-ज़ो संगठनों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 समेत सभी बंद मार्गों को खोलने पर सहमति जताई, जिससे राज्य में आवागमन और आपूर्ति सामान्य होने लगी है।
प्रधानमंत्री का दौरा का अहम
प्रधानमंत्री का कार्यक्रम खासतौर पर इस तरह तैयार किया गया है कि यह संदेश जाए कि सरकार दोनों समुदायों को समान महत्व देती है। मोदी कुकी बहुल चुड़ाचांदपुर और मैतेई बहुल इंफाल दोनों जगह जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम यह जताने के लिए है कि किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा और विकास सबके लिए होगा।
13,000 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात
चुड़ाचांदपुर में प्रधानमंत्री 7,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
इंफाल में लगभग 3,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की नींव रखी जाएगी।
इसके अलावा, मोदी 2,500 करोड़ रुपये की लागत वाली पांच राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं, मणिपुर इंफोटेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और नौ वर्किंग वुमेन होस्टल का भी शिलान्यास करेंगे।
पीएम मोदी असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा भी करेंगे
प्रधानमंत्री का यह दौरा यहीं खत्म नहीं होगा। अगले कुछ दिनों में वे असम, पश्चिम बंगाल और बिहार भी जाएंगे—तीनों राज्यों में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं।
असम: 13 सितंबर को मोदी भारत रत्न भूपेन हजारिका के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल होंगे। इसके अगले दिन वे 18,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
पश्चिम बंगाल: 15 सितंबर को कोलकाता में 16वीं संयुक्त कमांडर कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करेंगे।
बिहार: इसके बाद वे पूर्णिया पहुंचेंगे, जहां वे हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे और राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का शुभारंभ करेंगे। साथ ही, 3,600 करोड़ रुपये की अन्य योजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे, जिनमें भागलपुर के पीरपैंती में 2400 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट और कोशी-मेची नदी को जोड़ने वाली अंतरराष्ट्रीय परियोजना शामिल है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इंफाल के कांगला किले (237 एकड़ में फैला परिसर) और चुड़ाचांदपुर के पीस ग्राउंड में बड़ी संख्या में राज्य और केंद्रीय बलों की तैनाती की गई है। दोनों जगहों पर इस आयोजन के लिए भव्य मंच तैयार किया गया है। मणिपुर के एकमात्र राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा संजाओबा ने प्रधानमंत्री की यात्रा को राज्य के लिए “बहुत सौभाग्यशाली” बताया। प्रमुख कुकी-ज़ो संगठनों ने भी इस यात्रा का स्वागत किया और इसे “ऐतिहासिक और दुर्लभ अवसर” करार दिया। पीएमओ की विज्ञप्ति के अनुसार, मोदी 13 से 15 सितंबर तक मिज़ोरम, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का भी दौरा करेंगे। असम में 18,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास, पश्चिम बंगाल में 16वीं संयुक्त कमांडर कांफ्रेंस का उद्घाटन और बिहार के पूर्णिया व भागलपुर में कई बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण भी उनके कार्यक्रम में शामिल है।
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