पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर खींचतान बढ़ती जा रही है। बीजेपी और जेडीयू के साथ गठबंधन में शामिल छोटे दलों ने सीटों को लेकर अपनी-अपनी दावेदारी पेश करनी शुरू कर दी है। चिराग पासवान और जीतनराम मांझी खुले तौर पर सीटों की मांग कर रहे हैं जिससे एनडीए में सामंजस्य बैठाना चुनौती बनता जा रहा है।

घटक दलों की सीट डिमांड

एनडीए के सभी घटक दल अगर अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहते हैं तो विधानसभा की कुल 243 सीटें भी कम पड़ सकती हैं। हर दल को ज्यादा सीटें चाहिए लेकिन गठबंधन को एकजुट रखना भी जरूरी है। उपेंद्र कुशवाहा तो अभी चुप हैं लेकिन चिराग पासवान और जीतनराम मांझी अपनी मांगों को लेकर सामने आ चुके हैं।

20 सीट दो, नहीं तो 100 पर लड़ेंगे

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एनडीए से 20 सीटों की मांग की है। उनका कहना है कि अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो वे 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का विकल्प खुले तौर पर देख रहे हैं।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब मांझी ने ऐसी सख्त लाइन ली हो इससे पहले भी वो कई बार बीजेपी-जेडीयू को घेर चुके हैं।

2020 में हम पार्टी का प्रदर्शन

  • लड़ी गई सीटें: 7
  • जीती गई सीटें: 4
  • कुल वोट: 3,75,564
  • वोट प्रतिशत: 0.89%

2020 के आंकड़ों को देखकर मांझी की सीट मांग को कुछ लोग राजनीतिक दांव मान रहे हैं, लेकिन वो खुद को दलित और महादलित राजनीति का मजबूत चेहरा बताते हैं।

NDA के अलावा कोई विकल्प नहीं

एक ओर जहां जीतनराम मांझी सीटों के लिए आक्रामक हैं, वहीं उनके बेटे और मंत्री संतोष सुमन ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी NDA की विचारधारा के साथ है। संतोष ने कहा कि हम गठबंधन से अलग नहीं जाएंगे भले ही कम सीटें मिलें।

चिराग पासवान भी पीछे नहीं, मांगी 40 सीटें

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी 40 सीटों की मांग की है। हाल ही में पीएम मोदी के पूर्णिया दौरे के दौरान चिराग के समर्थकों ने पटना की सड़कों पर पोस्टर लगाकर उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग कर दी थी। LJP(R) के पास पसमांदा और युवा वोट का प्रभाव है, जिससे चिराग अपनी सीट मांग को जायज ठहरा रहे हैं।

क्या होगा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला?

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों का बराबर बंटवारा हो सकता है यानी लगभग 100-100 सीटें। शेष बची हुई 40-43 सीटें छोटे दलों के लिए छोड़ी जा सकती हैं।

संभावित फॉर्मूला:

  • चिराग पासवान (LJPR): 20-25 सीटें
  • जीतनराम मांझी (HAM): 10 सीटें
  • उपेंद्र कुशवाहा (RLM): 8-10 सीटें

हालांकि, यह आंकड़े चर्चाओं पर आधारित हैं अंतिम फैसला सीटों की आपसी सहमति और दबाव की राजनीति के बीच होगा। वहीं बिहार चुनाव 2025 एनडीए के लिए आसान नहीं होगा। एक ओर तेजस्वी यादव की RJD और विपक्षी गठबंधन चुनौती पेश कर रहे हैं, तो दूसरी ओर भीतरघात और सीट बंटवारे की खींचतान ने गठबंधन की नींव को हिला दिया है। आने वाले हफ्तों में राजनीतिक तस्वीर साफ होगी, लेकिन तब तक हर घटक दल अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुटा है।