राजधानी के बीचोंबीच यमुना नदी पर बने ITO बैराज की जिम्मेदारी अब दिल्ली सरकार के पास होगी। हरियाणा सरकार ने दिल्ली सरकार की मांग पर इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब तक इस बैराज का रखरखाव और संचालन हरियाणा सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के पास था। लेकिन वर्ष 2023 में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद दिल्ली सरकार लगातार इसकी जिम्मेदारी अपने पास लेने की मांग कर रही थी। मौजूदा दिल्ली सरकार ने इसी साल जुलाई में इस संबंध में हरियाणा सरकार को औपचारिक पत्र लिखा था। इसके बाद हरियाणा ने अब दिल्ली को जिम्मेदारी सौंपने पर सहमति जताई है। इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि यमुना में जलस्तर नियंत्रण और बाढ़ प्रबंधन को लेकर दिल्ली सरकार और अधिक तेजी से और प्रभावी ढंग से फैसले ले सकेगी।

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फिलहाल यमुना सरकार करती है देखरेख

अब तक इस बैराज की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के पास थी। लेकिन जुलाई 2023 में आई बाढ़ के दौरान यमुना का जलस्तर जब खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था, तब कई दिनों तक बैराज के कुछ गेट बंद रहने से हालात बिगड़ने की आशंका जताई गई थी। इसके बाद से ही बैराज के संचालन और रखरखाव पर सवाल उठने लगे थे। वर्ष 2023 की बाढ़ के बाद से दिल्ली सरकार लगातार यह मांग कर रही थी कि बैराज का नियंत्रण उसे सौंपा जाए, ताकि आपात स्थिति में त्वरित निर्णय लिए जा सकें। मौजूदा सरकार ने इसी साल जुलाई में हरियाणा सरकार को औपचारिक चिट्ठी लिखी थी। अब हरियाणा ने इस पर सहमति दे दी है।

वर्ष 2023 की बाढ़ के बाद से दिल्ली सरकार लगातार इसकी जिम्मेदारी अपने पास लेने की मांग कर रही थी। मौजूदा सरकार ने इसी साल जुलाई में हरियाणा को पत्र लिखा था। अधिकारियों का कहना है कि पहले भी दिल्ली सरकार इस मुद्दे पर हरियाणा को चिट्ठी लिख चुकी थी, लेकिन उस समय राजनीतिक सहमति नहीं बन पाई थी। अब दोनों राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार होने से यह प्रक्रिया आसान हो गई।

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बैराज पर 13 से ज्यादा गेट

आईटीओ बैराज में 13 से अधिक गेट लगे हैं, जिनसे यमुना के पानी का प्रवाह नियंत्रित किया जाता है। हालांकि रखरखाव में कमी के कारण कई गेट जाम हो गए थे। उस वर्ष दिल्ली में बाढ़ आने के कारणों में आईटीओ बैराज के जाम गेटों को भी जिम्मेदार माना गया था।

दिल्ली सरकार का तर्क है कि राजधानी में बाढ़ प्रबंधन और यमुना की धारा को नियंत्रित करने के लिहाज से बैराज की सीधी जिम्मेदारी उसके पास होनी चाहिए। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि यदि बैराज का संचालन दिल्ली सरकार को सौंप दिया जाता है तो स्थानीय स्तर पर आपात स्थिति से निपटने में तेजी आएगी। अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार पहले भी इस संबंध में हरियाणा को पत्र लिख चुकी थी, लेकिन अब दोनों राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार होने से मंजूरी की प्रक्रिया आसान हो गई। फिलहाल आईटीओ बैराज के सभी गेट खुले हुए हैं। इस बदलाव के बाद यह दिल्ली सरकार के अधीन आने वाला पहला बैराज होगा, जिससे वह यमुना के बहाव को सीधे नियंत्रित कर पाएगी।

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