Lalluram Desk. साल 2025 की शुरुआत में जहां आईपीओ बाजार सुस्त नज़र आ रहा था, वहीं अब ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ने इसमें नई जान फूंक दी है. अनलिस्टेड मार्केट में तेजी से हो रही ट्रेडिंग यह संकेत दे रही है कि आने वाले दिनों में कई मेनबोर्ड और SME आईपीओ निवेशकों को तगड़े लिस्टिंग गेन दे सकते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स इस उछाल के पीछे छिपे जोखिमों से भी आगाह कर रहे हैं.

हाल ही में लॉन्च हुए अर्बन कंपनी IPO को 103 गुना सब्सक्रिप्शन मिला और इसका GMP इश्यू प्राइस ₹103 से करीब 55% ऊपर है. इसी तरह श्रीनगर हाउस ऑफ मंगलसूत्र का GMP इश्यू प्राइस से 19% और देव एक्सेलेरेटर का 14% ऊपर चल रहा है.

वहीं आने वाले इश्यू जैसे VMS TMT (17 सितंबर से खुला) का GMP इश्यू प्राइस से लगभग 20% ऊपर है. दूसरी ओर, Ivalue Infosolutions और Euro Pratik Sales का असर ग्रे मार्केट में अभी दिखना बाकी है.

तेजी के पीछे वजह और खतरे भी

विशेषज्ञों के मुताबिक, बाजार में यह उछाल रिटेल और संस्थागत निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी और ग्रीन एनर्जी, टेक्नोलॉजी व इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे हाई-ग्रोथ सेक्टर्स के आकर्षण के कारण है. छोटे साइज के IPO ने डिमांड और सप्लाई के बीच असंतुलन पैदा कर दिया है, जिससे GMP और ऊपर जा रहा है.

हालांकि, यह तस्वीर पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे कहते हैं कि ग्रे मार्केट पूरी तरह अनरेगुलेटेड और सट्टेबाजों के भरोसे चलता है. कई बार ऊंचे GMP वाले IPO भी कमजोर लिस्ट हुए हैं. यानी शॉर्ट-टर्म गेन के लालच में निवेशक फंस सकते हैं.

SME IPO में जोश, पर संभलकर करें निवेश

SME सेगमेंट में इस समय सबसे ज्यादा जोश दिख रहा है. Airfloa Rail Technology का GMP 119%, LT Elevator का 28% और TechD Cybersecurity का 83% ऊपर चल रहा है. वहीं संपत एल्युमिनियम और JD Cables भी प्राइस बैंड से 15% से अधिक पर ट्रेड हो रहे हैं.

लेकिन सवाल यह है कि क्या ग्रे मार्केट की यह चमक लंबे समय तक बरकरार रहेगी, या लिस्टिंग के बाद निवेशकों का पैसा डूब सकता है? एक्सपर्ट्स की राय साफ है—सिर्फ GMP देखकर IPO में निवेश करना खतरनाक है, कंपनी के फंडामेंटल की जांच जरूरी है.

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