अविनाश श्रीवास्तव/ रोहतास। जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान को मंगलवार को एक और बड़ी सफलता मिली। बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में कार्यरत एसडीएम के चपरासी विनोद कुमार ठाकुर को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। पकड़े गए चपरासी के पास से 1.16 लाख नकद रिश्वत बरामद हुई है। इस कार्रवाई के बाद पूरे अनुमंडल कार्यालय परिसर में हड़कंप मच गया है।

जमीन विवाद के निपटारे के नाम पर मांगी गई रिश्वत

जानकारी के अनुसार आरोपी चपरासी ने धनगांईं गांव के राकेश कुमार ठाकुर से एक जमीन विवाद के निराकरण के एवज में ₹1.60 लाख की मांग की थी।
राकेश ने इस संबंध में निगरानी विभाग में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद सत्यापन कर टीम ने जाल बिछाया और आरोपी को पैसे लेते हुए दबोच लिया।

निगरानी की टीम ने मौके पर ही पकड़ा

पटना से आई निगरानी ब्यूरो की टीम ने योजना के मुताबिक जैसे ही विनोद कुमार ने राकेश से पैसे लिए उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।
टीम का नेतृत्व कर रहे निगरानी डीएसपी नरेंद्र कुमार ने बताया कि चपरासी विनोद कुमार ने 1.60 लाख की रिश्वत मांगी थी। शिकायत की जांच के बाद उसे ट्रैप कर गिरफ्तार किया गया है। अब उसे पटना स्थित निगरानी कोर्ट में पेश किया जाएगा।

पूछताछ के बाद ले जाया गया पटना

गिरफ्तारी के बाद निगरानी टीम ने आरोपी से स्थल पर ही पूछताछ की और फिर उसे अपने साथ पटना ले गई।
सूत्रों की मानें तो चपरासी के जरिए और भी अधिकारियों की संलिप्तता की जांच की जा सकती है।

महीने में सातवीं कार्रवाई

यह कोई पहला मामला नहीं है। रोहतास जिले में बीते तीन महीनों में यह सातवीं बड़ी कार्रवाई है जो निगरानी विभाग या सीबीआई द्वारा की गई है।
इससे साफ जाहिर होता है कि जिले में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं और प्रशासन उसे उखाड़ फेंकने की कोशिश में जुटा है।

क्या चपरासी अकेला था?

इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि
क्या सिर्फ चपरासी ही जिम्मेदार है या सिस्टम में ऊपरी स्तर तक मिलीभगत है?
जांच एजेंसियां अब इस मामले में अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों की भूमिका की भी तह तक जांच करने की तैयारी में हैं।

निष्कर्ष: निगरानी का शिकंजा कसता जा रहा

बिक्रमगंज में चपरासी की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि अब घूसखोरों के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं बची है।
अगर यही रफ्तार रही तो रोहतास जल्द ही भ्रष्टाचारियों के लिए डर का जिला बन जाएगा।