पटना। पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) ने आज कार्य बहिष्कार कर दिया। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी विभागों में कामकाज ठप हो गया, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी।

इमरजेंसी छोड़ बाकी सेवाएं बंद

जूनियर डॉक्टरों ने OPD, वार्ड और OT जैसी गैर-आपातकालीन सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया है। JDA अध्यक्ष सत्यम कुमार ने कहा कि मरीजों को हो रही असुविधा के लिए उन्हें खेद है, लेकिन बीते दो साल से लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं और कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने सरकार को 14 दिनों का अल्टीमेटम दिया है और चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद कर दी जाएंगी।

हड़ताल से मरीजों की मुश्किलें बढ़ीं

हड़ताल का असर सीधे मरीजों पर पड़ा है। दूर-दराज से आए लोग बिना इलाज के लौटने को मजबूर हैं। कई गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग परेशान नजर आए। मरीजों को बिना इलाज वापस जाना पड़ा। मरीजों का कहना है कि उन्हें हड़ताल की जानकारी पहले से नहीं थी।

जूनियर डॉक्टरों की 6 सूत्री मांगें

जेडीए ने सरकार के सामने छह प्रमुख मांगें रखी हैं:

बॉन्ड पोस्टिंग अवधि – केवल 1 वर्ष की जाए और अनुपालन न करने पर ₹10 लाख का जुर्माना लगे।

सीनियर रेज़िडेंसी का दर्जा – बॉन्ड सेवा को सीनियर रेज़िडेंसी (SR) अनुभव में गिना जाए।

वेतन वृद्धि – मौजूदा कार्यभार और मानकों को देखते हुए SR के वेतन में वृद्धि की जाए।

मेरिट-कम-चॉइस पोस्टिंग – बॉन्ड पोस्टिंग PG मेरिट और डॉक्टर की विशेषज्ञता के आधार पर हो।

वेटिंग पीरियड शामिल हो – रिजल्ट और पोस्टिंग के बीच की अवधि को बॉन्ड अवधि में गिना जाए।

पहले का वेतन सुरक्षित – यदि कोई डॉक्टर बॉन्ड पूरा करने से पहले इस्तीफा देता है तो पहले का वेतन वापस न लिया जाए। केवल बॉन्ड पेनल्टी लागू हो।

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