अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प(Donald Trump) ने वामपंथी और फासीवाद विरोधी आंदोलन एंटीफा (Antifa) को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है। ट्रम्प का यह कदम उनके करीबी और दक्षिणपंथी राजनीतिक कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या के कुछ दिनों बाद सामने आया है। राष्ट्रपति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा कि एंटीफा को फंड मुहैया कराने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “जो भी इस आंदोलन की मदद करेगा, उस पर नियमानुसार गहन जांच की जाएगी और कठोर कदम उठाए जाएंगे।”
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हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि एंटीफा कोई संगठित राजनीतिक संगठन नहीं है, बल्कि यह एक ढीला-ढाला आंदोलन है, ऐसे में इसे औपचारिक तौर पर आतंकवादी संगठन घोषित करना कानूनी रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अमेरिकी संविधान का फर्स्ट अमेंडमेंट भी इस फैसले को अदालत में चुनौती योग्य बना सकता है।
ट्रम्प ने लिखा, “मुझे अपने सभी अमेरिकी देशभक्तों को यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि मैं एंटीफा, एक बीमार, खतरनाक, कट्टरपंथी वामपंथी आपदा, को एक प्रमुख आतंकवादी संगठन घोषित कर रहा हूँ। मैं यह भी दृढ़ता से अनुशंसा करता हूँ कि एंटीफा को वित्तपोषित करने वालों की उच्चतम कानूनी मानकों और प्रथाओं के अनुसार गहन जाँच की जाए। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!”
क्या है एंटीफा मूवमेंट?
एंटीफा (ANTIFA) का मतलब Anti Fascist है। यह कोई औपचारिक संगठन नहीं बल्कि ढीले-ढाले वामपंथी समूहों का नेटवर्क है। अमेरिका में यह आंदोलन फासीवाद, नस्लीय हिंसा और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। हालांकि, यह आंदोलन अक्सर अपने उद्देश्यों को अहिंसक तरीकों से पूरा करने की कोशिश करता है, लेकिन कई मौकों पर इसके समर्थक हिंसक गतिविधियों में भी शामिल पाए गए हैं।
ट्रम्प का यह फैसला दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चार्ली किर्क की हत्या के कुछ दिनों बाद आया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम अमेरिका की राजनीति में बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है क्योंकि एंटीफा किसी केंद्रीकृत ढांचे वाला संगठन नहीं है और इसे “आतंकवादी संगठन” घोषित करना कानूनी चुनौती का विषय बन सकता है।
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लाल और काले झंडे का मिश्रण
एंटीफा अपने राजनीतिक आंदोलनों को अहिंसक तरीकों से, जैसे पोस्टर, बैनर और फ़्लायर के माध्यम से पेश करता है। हालांकि, कुछ समर्थक डिजिटल सक्रियता, डॉक्सिंग, उत्पीड़न, और यहां तक कि शारीरिक हिंसा और संपत्ति को नुकसान पहुँचाने जैसी रणनीतियां भी अपनाते रहे हैं। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के अनुसार, एंटीफा के आम प्रतीकों में 1917 की रूसी क्रांति का लाल झंडा और 19वीं सदी के अराजकतावादियों का काला झंडा शामिल हैं। ये समूह अक्सर दक्षिणपंथी सभाओं और रैलियों को बाधित करने के लिए विरोध प्रदर्शन करते हैं। अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वे सोशल मीडिया, एन्क्रिप्टेड पीयर-टू-पीयर नेटवर्क और सिग्नल जैसी मैसेजिंग सेवाओं का उपयोग करते हैं।
चार्ली किर्क ने मौत से पहले भेजे थे संदेश
इस सप्ताह की शुरुआत में, सोमवार को, व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने कहा कि चार्ली किर्क ने उन्हें अंतिम संदेश में हिंसा को बढ़ावा देने वाले वामपंथी समूहों के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने का आह्वान किया था।
मिलर ने “द चार्ली किर्क शो” पॉडकास्ट पर यह वादा किया कि संघीय सरकार इन समूहों को खत्म करने के लिए हर उपलब्ध संसाधन का इस्तेमाल करेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, करीब आधा दशक पहले, मई 2020 में, भी राष्ट्रपति ट्रम्प ने एंटीफा को आतंकवादी संगठन घोषित करने की बात कही थी, लेकिन इसे लागू करने में कानूनी चुनौतियों के कारण मामला विवादास्पद रहा।
यूटा वैली यूनिवर्सिटी में किर्क की हत्या
31 वर्षीय चार्ली किर्क की 10 सितंबर को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान हत्या कर दी गई थी। उनके गर्दन में गोली मारी गई, और हमलावर घटनास्थल से फरार हो गया। हालांकि, टायलर रॉबिन्सन नामक हमलावर को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया। किर्क गैर-लाभकारी राजनीतिक संगठन ‘टर्निंग पॉइंट यूएसए’ के सह-संस्थापक थे और राष्ट्रपति ट्रंप के करीबी सहयोगी माने जाते थे। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर किर्क की मौत की घोषणा करते हुए उन्हें महान बताते हुए उनकी प्रशंसा की थी।
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