पटना। बिहार की राजधानी पटना में 18 सितंबर को कांग्रेस ने जोरदार विरोध मार्च निकाला। विरोध का मुख्य कारण भागलपुर में अडाणी ग्रुप को 1050 एकड़ जमीन और 10 लाख पेड़ महज 1 रुपये सालाना किराये पर देने का आरोप था। कांग्रेस नेताओं ने इसे सरकार की पूंजीपति प्रेम नीति करार दिया।
सदाकत आश्रम से बांसघाट तक कांग्रेस का मार्च
यह विरोध मार्च पटना स्थित कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम से शुरू हुआ और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की समाधि, बांसघाट तक पहुंचा। मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमीन चोर गद्दी छोड़ और किसान विरोधी सरकार हाय-हाय जैसे नारों से राजधानी को गुंजा दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी जिससे मार्च के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनी रही।
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे मौजूद
मार्च में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान और विधान परिषद में कांग्रेस के नेता डॉ. मदन मोहन झा समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। सभी नेताओं ने एक स्वर में केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
PM मोदी पर भी कांग्रेस का सीधा हमला
इससे पहले 15 सितंबर को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वोट चोरी से काम नहीं चलता तो जाते-जाते गौतम अडाणी को बिहार सौंप दिया जाता है। खेड़ा ने कहा कि किसानों की जमीन जबरन छीनी गई और विरोध करने वाले कई किसानों को PM के दौरे के दिन नजरबंद कर दिया गया।
राजेश राम बोले: जबरन करवाई गई रजिस्ट्री
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने आरोप लगाया कि किसानों की जमीन धमकाकर और जबरदस्ती ली गई। उन्होंने कहा सरकार ने अडाणी के पक्ष में रजिस्ट्री करवाई और किसानों को मौका तक नहीं दिया कि वे अपनी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचा सकें। कांग्रेस अब इस मुद्दे को लेकर और आक्रामक हो रही है। आने वाले समय में पार्टी इस आंदोलन को जिला स्तर पर ले जाने की तैयारी में है। कांग्रेस का कहना है कि किसानों की जमीन लूटने वाली इस सरकार को जनता कभी माफ नहीं करेगी।
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