सुप्रिया पांडेय, रायपुर. मध्य भारत में कैंसर उपचार का पर्याय बन चुके बालको मेडिकल सेंटर ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ा है। नया रायपुर के मेफेयर लेक रिजॉर्ट में तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव का भव्य आगाज हुआ, जिसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया। 19 से 21 सितम्बर तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव का विषय “ड्राइविंग कॉमन-सेंस ऑन्कोलॉजी” रखा गया है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, जेनिटोयूरिनरी और लंग कैंसर के बहुआयामी उपचार पर केंद्रित है। इस दौरान 20 से अधिक पैनल चर्चाओं में भारत के 200 विशेषज्ञ और अमेरिका, ब्रिटेन, स्विट्ज़रलैंड, सिंगापुर सहित 7 देशों से आए 10 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं।
सम्मेलन की सबसे खास विशेषता यह है कि पहली बार क्षेत्र में कई अनूठी कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कार्ट-टी सेल अफेरेसिस, सिर और गर्दन के कैंसर की लाइव सर्जरी डेमो, स्टेरियोटैक्टिक बॉडी रेडियोथेरेपी पर हैंड्स-ऑन कॉन्टूरिंग वर्कशॉप और ‘वीमेन फॉर ऑन्कोलॉजी’ नेटवर्क मीटिंग ने विशेषज्ञों और प्रतिभागियों को नई दिशा दी। इसके साथ ही कैंसर रोकथाम कार्यशाला और जीवन की अंतिम अवस्था में संवाद प्रशिक्षण जैसी पहलें भी सराही गईं। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन, अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी, नाग फाउंडेशन, छत्तीसगढ़ हेमेटोलॉजी व ऑन्कोलॉजी एसोसिएशन जैसे संगठनों का सहयोग इस आयोजन को और व्यापक बना रहा है।


वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन के अंतर्गत संचालित बालको मेडिकल सेंटर आज कैंसर रोगियों के लिए जीवन का सबसे बड़ा सहारा बन गया है। अध्यक्ष ज्योति अग्रवाल और मेडिकल डायरेक्टर डॉ. भावना सिरोही के नेतृत्व में यहां अत्याधुनिक तकनीक और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। अस्पताल में आठ विशेषज्ञों में पांच क्वालिफाइड MCH डॉक्टर हैं, जो इसे मध्य भारत में कैंसर उपचार का अग्रणी संस्थान बनाते हैं।

मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के जरिए गांवों तक पहुंच रही स्वास्थ्य सेवाएं
बालको की सबसे बड़ी खासियत है सेवा का मानवीय दृष्टिकोण। यहां गरीब मरीजों के लिए मुफ्त भोजन, रहने की सुविधा और आयुष्मान कार्ड के तहत नि:शुल्क उपचार उपलब्ध है। अस्पताल का चैरिटेबल ट्रस्ट सक्षम मरीजों को असक्षम मरीजों की मदद के लिए प्रेरित करता है। मोबाइल मेडिकल यूनिट्स के जरिए दूरदराज के गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही है। लंदन और अमेरिका जैसे देशों से आए विशेषज्ञ भी बालको की सेवाओं की सराहना कर चुके हैं। पहले जहां मरीज देर से अस्पताल पहुंचते थे, वहीं अब जागरूकता के चलते शुरुआती चरण में ही इलाज शुरू हो रहा है, जिससे सफल उपचार की संभावना कई गुना बढ़ गई है।
डॉ. अनिल ने जटिल सर्जिकल निर्णयों की बारीकियों से कराया अवगत
बालको मेडिकल सेंटर ने यह साबित कर दिया है कि कैंसर उपचार सिर्फ इलाज भर नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता सुधारने का संकल्प है। आज यह संस्थान न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेवा, समर्पण और उत्कृष्टता की मिसाल बन चुका है। कार्यशाला का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त कैंसर विशेषज्ञ डॉ. अनिल डी’क्रूज़, निदेशक ऑन्कोलॉजी, अपोलो हॉस्पिटल्स (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई) और डॉ. गौरी पंतवैद्य, प्रोफेसर एवं प्रमुख, सिर एवं गर्दन ऑन्कोसर्जरी विभाग, टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई ने किया। देशभर के अग्रणी कैंसर संस्थानों से जुड़े कैंसर सर्जन ने सत्र को और भी समृद्ध बनाया और प्रतिभागियों को जटिल सर्जिकल निर्णयों की बारीकियों से अवगत कराया।
सिर एवं गर्दन के कैंसर की बढ़ती संख्या पर चर्चा करते हुए डॉ. अनिल डी’क्रूज़ ने कहा कि पिछले तीन दशकों के दौरान कैंसर की घटनाओं, खासकर थायरॉइड कैंसर में तीन गुना वृद्धि हुई है। यह मुख्यतः सर्जरी से ठीक होने वाला कैंसर है और सही इलाज मिलने पर 99 प्रतिशत मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं, लेकिन यदि यह सर्जरी प्रशिक्षित सर्जनों द्वारा न की जाए तो रोगियों की आवाज, कैल्शियम संतुलन, पैराथायरॉयड कार्यप्रणाली और दीर्घकालिक नियंत्रण पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए सर्जन को हर साल कम से कम 50-60 ऐसी सर्जरी का अनुभव होना चाहिए। मुझे खुशी है कि बीएमसी कॉन्क्लेव ने युवा सर्जनों को सीखने और इन तकनीकों को प्रदर्शित करने का अवसर दिया।
छत्तीसगढ़ उन्नत स्वास्थ्य चर्चाओं, नवाचारों का केंद्र बन रहा : मंत्री जायसवाल
कॉन्क्लेव उद्घाटन के अवसर पर सभी को संबोधित करते हुए मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है कि बीएमसी कैंसर कॉन्क्लेव 2025 में सात देशों और पूरे भारत से आए शिक्षकों, ऑन्कोलॉजिस्ट्स, शोधकर्ताओं और प्रैक्टिशनर्स की मेजबानी कर रहा है। उनकी उपस्थिति न केवल हमारे राज्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि छत्तीसगढ़ उन्नत स्वास्थ्य चर्चाओं और नवाचारों का केंद्र बन रहा है। यह कॉन्क्लेव वैश्विक अनुभव को स्थानीय स्वास्थ्य जरूरतों से जोड़ने की हमारी दृष्टि को साकार करता है।
डॉ. दिवाकर पांडे, सीनियर कंसल्टेंट एवं प्रमुख, सर्जरी विभाग, बालको मेडिकल सेंटर, नया रायपुर ने बताया कि यह इलाज केवल ट्यूमर हटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि जबड़े की हड्डी और चेहरे की संरचना को पुनर्निर्मित करने तथा भोजन, बोलने और सांस लेने जैसी आवश्यक क्रियाओं को बहाल करने का कार्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है। इससे मरीज समाज में आत्मविश्वास के साथ लौटकर सामान्य जीवन जी सकता है।

लाइव सर्जिकल डेमोन्स्ट्रेशन में देशभर के डॉक्टरों ने लिया हिस्सा
वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन (बालको मेडिकल सेंटर) की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने कहा कि कैंसर केयर का मानकीकरण बेहद जरूरी है। इस क्षेत्र के मरीजों को भी वही गुणवत्तापूर्ण इलाज मिलना चाहिए, जो महानगरों दिल्ली, मुंबई या चेन्नई जैसे मेट्रो शहरों में मिलता है। इस तरह की पहल और सहयोग के माध्यम से हम स्थानीय युवा सर्जनों को प्रशिक्षित कर स्थानीय क्षमता का निर्माण कर रहे हैं जो सबसे प्रभावी तरीका है। लाइव सर्जिकल डेमोन्स्ट्रेशन में देशभर से 150 से अधिक सर्जन और चिकित्सक ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सिर एवं गर्दन कैंसर के मल्टीडिसिप्लिनरी मैनेजमेंट पर शैक्षणिक व्याख्यान और पैनल चर्चा आयोजित हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने नवीनतम उपचार पद्धतियों पर विचार साझा किए।
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