वाराणसी. वकीलों पर हो रहे उत्पीड़न और पुलिस-वकील विवाद को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से राय ने पीएम मोदी से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि काशी मेरा परिवार है और मैं अपने परिवारजनों के लिए चट्टान की तरह खड़ा हूं.
पीएम मोदी को लिखे गए इस पत्र में अजय राय ने कहा है कि ‘वाराणसी आपका संसदीय क्षेत्र है, जो ज्ञान और न्याय की धरती कहलाती है, आज गहरे संकट से गुजर रही है. यहां वकीलों और पुलिस के बीच लगातार बढ़ता विवाद लोकतंत्र की जड़ों को हिला रहा है. वकील और पुलिस दोनों ही समाज के ऐसे स्तंभ हैं जिन पर संविधान और कानून के पालन की जिम्मेदारी टिकी हुई है. जब यही दोनों वर्ग आमने-सामने खड़े हो जाएं, तो यह न केवल स्थानीय प्रशासन की विफलता बल्कि शासन और सरकार की संवेदनहीनता का भी प्रतीक है. प्रधानमंत्री जी, आप वाराणसी के सांसद होने के साथ-साथ देश के प्रधानमंत्री भी हैं. आपके प्रदेश की सरकार मूकदर्शक बन तमाशा देख रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूरी प्रदेश सरकार की चुप्पी वकीलों की पीड़ा के प्रति घोर असंवेदनशीलता को दर्शाती है. अतः यह आपका नैतिक, राजनीतिक और संवैधानिक दायित्व है कि आप इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें.’
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अजय राय ने आगे लिखा कि ‘आपकी चुप्पी न केवल वकीलों के अधिकारों के प्रति उदासीनता है, बल्कि लोकतंत्र और संविधान पर भी कुठाराघात है. वकील केवल एक पेशेवर समूह नहीं हैं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र के प्रहरी हैं. उनके साथ पुलिसिया उत्पीड़न पूरे न्याय तंत्र पर हमला है. शासन प्रशासन का दायित्व दोनों पक्षों में सामंजस्य और विश्वास बनाए रखना था, परंतु आपकी केंद्र व प्रदेश की सरकार की संवेदनहीनता ने स्थिति को विकट बना दिया है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में विवाद का समाधान संवाद और संवैधानिक प्रक्रियाओं से होना चाहिए, न कि प्रतिशोध और दमन से.’
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