Surya Grahan 2025 : 21 सितंबर यानी आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. हालांकि, यह भारत के किसी भी राज्य या हिस्से में दृश्यमान नहीं होगा. इसलिए सूतक नहीं लगेगा, जो आमतौर पर ग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है. लेकिन, यह अंटाकर्टिका, न्यूजीलैंड और दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ देशों में देखा जा सकेगा. धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण को अशुभमाना जाता है. इस समय भोजन नहीं करना, नए कार्य की शुरूआत न करना, पूजा और ध्यान करना शुभ माना जाता है. ग्रहण के दौरान तुलसी, जल, अक्षत और अन्य पवित्र वस्तुओं से तर्पण करना अत्यंत लाभकारी होता है. 

दरअसल, सूर्य ग्रहण तब होता है, जब राहु और केतु सूर्य को अपना ग्रास बना लेते हैं, जिससे कुछ समय के लिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता. यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. भारतीय समयानुसार यह ग्रहण रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा. मध्यकाल रात 1 बजकर 11 मिनट पर आएगा और समाप्ति सुबह 3 बजकर 23 मिनट पर होगी. हालांकि, यह खगोलीय घटना भारत में दिखाई नहीं देगी, क्योंकि उस समय भारत में रात होगी. यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध के क्षेत्रों जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और कुछ प्रशांत द्वीपों में दिखाई देगा.

Surya Grahan 2025 : इन राशियों पर पड़ेगा खास असर

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में घटेगा. शनि की दृष्टि के कारण ग्रहण का असर और भी गहरा माना जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय जीवन के कई क्षेत्रों में अस्थिरता और मनोवैज्ञानिक दबाव महसूस हो सकता है. खास तौर पर मेष, सिंह, कन्या और कुंभ राशि के जातकों को अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है.

मेष राशि के लोगों को स्वास्थ्य और प्रतियोगिता से जुड़ी चुनौतियां झेलनी पड़ सकती हैं. सिंह राशि वालों को पारिवारिक और आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है. कन्या राशि में स्वयं ग्रहण होने के कारण आत्मनिरीक्षण और दिनचर्या में बदलाव का समय है. वहीं कुंभ राशि के लोगों को साझेदारी और कानूनी मामलों में कठिनाइयां आ सकती हैं. हालांकि, ग्रहण हमेशा नकारात्मक नहीं होता. यह पुराने मुद्दों को सुलझाने और आत्म-चिंतन का अवसर भी देता है. ज्योतिषियों का कहना है कि इस समय जल्दबाजी में बड़े निर्णय या निवेश से बचना चाहिए और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए. 

जानिए कितने तरह के होते हैं सूर्य ग्रहण

तीन प्रकार के सूर्य ग्रहण के होते हैं. पहला है पूर्ण सूर्य ग्रहण, जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक देता है और दिन के समय कुछ समय के लिए अंधेरा छा जाता है. दूसरा है आंशिक सूर्य ग्रहण, जिसमें चंद्रमा केवल सूर्य के कुछ हिस्से को ढकता है. तीसरा है वृत्ताकार सूर्य ग्रहण, जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढकने में छोटा रह जाता है और सूर्य के किनारों पर चमक दिखाई देती है.