योगेश पाराशर, मुरैना। Kailaras Sugar Factory: मध्य प्रदेश के मुरैना में रविवार को शक्कर कारखाना चालू कराने के लिए किसान मजदूर संघ ने महापंचायत आयोजित की। जीवाजी गंज में इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत सहित किसान और कांग्रेस समेत कई दलों के जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। इस दौरान बीजेपी और बीजेपी के घटक दल आरएसएस पर जुबानी प्रहार किया गया।
15 साल पहले बंद हुआ शक्कर कारखाना हर चुनाव में बना मुद्दा
दरअसल, जिले के कैलारस में स्थित शक्कर कारखाने को बंद हुए 15 साल बीत चुके हैं। अब सरकार ने एक निर्णय लिया है कि यह जमीन MSME को दी जाए। उधर किसान लगातार इस शक्कर कारखाने को चालू करने की मांग कर रहे हैं। बल्कि लंबे समय से यह चुनावी मुद्दा भी बनता रहा है। चाहे फिर भाजपा की बात हो या फिर कांग्रेस, दोनों ही पार्टी चुनाव के समय पर शक्कर कारखाने को चालू कराने का मुद्दा बनाती है और इसके नाम पर वोट भी पार्टियों को मिलता है। लेकिन अभी तक इस शक्कर कारखाने को चालू करने के लिए किसी भी पार्टी ने योगदान नहीं दिया है।

बीजेपी पर जमकर बरसे पटवारी और राकेश टिकैत
यही वजह है कि अब इस कारखाने को लेकर क्षेत्र के किसान और कांग्रेस के विधायक ने जीवाजी गंज में महापंचायत की। किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के अलावा राज्यसभा सांसद अशोक सिंह और बादल सरोज मौजूद रहे। इसके बाद सभी ने बारी-बारी से मंच साझा किया और बीजेपी पर जमकर बरसे।
PCC चीफ बोले- नरेंद्र सिंह ने किए झूठे वादे
इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि, सरकार से हमारी कोई शिकायत नहीं है। विधायक से हमारी कोई शिकायत नहीं है। लेकिन जो झूठे वादे करते हैं उनसे हमारी शिकायत है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कई बार चुनाव के समय पर शक्कर कारखाने को चालू करने के झूठे वादे किए। नरेंद्र सिंह तोमर चाहते तो प्रदेश में तो क्या देश के कृषि मंत्री रहे थे। लेकिन उन्होंने इस शक्कर कारखाने को चालू कराना उचित नहीं समझा।

राकेश टिकैत बोले- आन्दोलन करेंगे, हथियार तैयार रखिए
इसके अलावा किसान नेता राकेश टिकैत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘कहते हैं सरकार ने जो पत्र लिख दिया वह वापस नहीं होता। लेकिन हम कहते हैं सब वापस हो जाता है। सरकार तीन काले कानून लाई थी। हमने आंदोलन किया और सरकार को वापस लेना पड़ा तो इसके लिए भी आंदोलन करने पड़ेंगे। अपने हथियार लेकर चलना चाहिए और अपना हथियार है ट्रैक्टर, इसलिए ट्रैक्टर से चलना चाहिए। सरकार किसानों को भ्रमित कर रही है। जिससे किसान जमीन बेचे और उनके सहयोगी पूंजीपति इसे खरीदें। लेकिन इस सरकार के बहकावे में नहीं आना है। सरकार तो चाहती भी यही है कि जमीन में घाटा है। लेकिन घाटा जमीन में नहीं है, घाटा तो दिल्ली की कलम में है।’

‘नहीं चाहिए नागपुरिया सर्टिफिकेट’
आरएसएस को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि हमको लड़ा दिया धार्मिक वाद में, हमें लड़ा दिया जातिवाद में और उत्तर प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम पर लड़ा दिया। महाराष्ट्र में सबको भाषा पर लड़ा दिया कि मराठी ही बढ़िया हैं। हमारे गांव के मंदिर और हमको ही हिंदू नहीं मानते। हमने कहा हम पूजा पाठ करते हैं। अंडा मीट नहीं खाते लेकिन आरएसएस कहती है कि आप सरकार के खिलाफ हो आप हिंदू नहीं हो। नागपुर में सर्टिफिकेट लेने जाना पड़ता है। अब नागपुरिया सर्टिफिकेट हमको तो चाहिए नहीं। नागपुरिया सर्टिफिकेट सबको बर्बाद कर देगा, इससे बच के रहो।
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