ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर रविवार को मान्यता प्रदान कर दी है। इसके अलावा फ्रांस, बेल्जियम समेत अन्य देशों ने भी फिलिस्तीन को मान्यता देने का मन बना लिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी कह चुके है कि उनका देश जल्द ही फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता देगा। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क जोसेफ कार्नी ने रविवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, “1947 से कनाडा दो राष्ट्र वाले समाधान का समर्थन करता रहा है और चाहता है कि फ़िलिस्तीन और इज़रायल शांति और सुरक्षा में साथ-साथ रहे। कनाडा आज फ़िलिस्तीन राष्ट्र को मान्यता देता है और पश्चिम एशिया में स्थायी शांति स्थापित करने में अपनी भागीदारी की पेशकश करता है।”

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि फिलिस्तीन की राष्ट्र के रूप में मान्यता देना बेहद खतरनाक कदम है और इजरायल यूएन में इसके खिलाफ प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। नेतन्याहू ने कहा कि अगले सप्ताह अमेरिका से उनकी वापसी के बाद ही इजरायल जवाब देगा। उन्होंने कहा कि जो भी लोग फिलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं वे आतंकवादियों को पुरस्कार दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन राष्ट्र कभी नहीं बन पाएगा।

बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू बुधवार को न्यूयॉर्क जाने वाले हैं। इसके बाद वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वॉशिंगटन जाएंगे। दोनों के बीच रविवार को मुलाकात होने वाली है। इसके बाद वह अगले बुधवार तक स्वदेश लौटेंगे। आपको बता दें कि दो राष्ट्र की थ्योरी का समर्थन यूएन में भारत ने भी किया है। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, “आज, फिलिस्तीनियों और इजरायलियों के लिए शांति की आशा को पुनर्जीवित करने तथा दो राष्ट्र वाले समाधान के लिए ब्रिटेन ने औपचारिक रूप से फिलिस्तीन राष्ट्र के रुप में मान्यता दे दी है।”

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा करते हुए अपने बयान में कहा है कि ऑस्ट्रेलिया रविवार को फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के तौर पर मान्यता प्रदान करता है। ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन के लोगों के स्वयं राज करने की वैध आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ऐसा किया है।

यह गाजा में युद्ध विराम और सात अक्टूबर 2023 को अगवा किए गए बंधकों की रिहायी को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की दो राष्ट्र वाले समाधान की कोशिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आज का यह कदम ऑस्ट्रेलिया के दो राष्ट्र वाले समाधान के लंबे समय की प्रतिबद्धता का प्रतीक है जो इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति स्थापित करने तथा इस क्षेत्र में सुरक्षा का एक मात्र रास्ता है। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल 193 देशों में से भारत सहित 145 से ज्यादा देश अब तक एक राष्ट्र के तौर पर फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं।

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