रायपुर. अबूझमाड़ मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो नक्सली लीडर को ढेर किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि आज हमारे सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ एक और बड़ी जीत हासिल की है. महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में हमारे बलों ने दो केंद्रीय समिति सदस्य नक्सल नेताओं कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कादरी सत्यनारायण रेड्डी का सफाया कर दिया. हमारे सुरक्षा बल नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त कर रहे हैं और लाल आतंक की रीढ़ तोड़ रहे हैं.

मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त होगा भारत : सीएम साय

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में हमारे वीर सुरक्षाबलों ने लाल आतंक के खिलाफ एक साहसिक और सफल अभियान को अंजाम दिया। नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 2 नक्सली न्यूट्रलाइज किए गए हैं। यह सफलता केवल नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक निर्णायक पड़ाव ही नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ में शांति, सुरक्षा और विकास की प्रक्रिया को और भी गति प्रदान करती है। सीएम साय ने कहा, डबल इंजन सरकार के निरंतर प्रयासों से प्रदेश में नक्सलवाद का अंत अब पहले से कहीं अधिक निकट और निश्चित होता दिखाई दे रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के साथ मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त भारत का संकल्प अवश्य साकार होगा।

मारे गए दोनों नक्सली पर घोषित था 40-40 लाख का इनाम

बता दें कि आज अबूझमाड़ में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें नक्सली सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति का सदस्य राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और दूसरा कोसा दादा उर्फ कादरी सत्यनारायण रेड्डी मारा गया. दोनों नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40-40 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. मुठभेड़ के बाद मौके से 1 एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर, भारी मात्रा में विस्फोटक और माओवादी साहित्य एवं अन्य सामग्री बरामद की गई है.

माओवादी संगठन को पहुंची बड़ी क्षति : एसपी

नारायणपुर एसपी रॉबिन्सन ने बताया कि अबूझमाड़ में माओवादी गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया. 22 सितंबर की सुबह से मुठभेड़ शुरू हुई और दिनभर चलने वाले संघर्ष में माओवादी कैडर मारे गए. राजू दादा (63 वर्ष, करीमनगर, तेलंगाना) और कोसा दादा (67 वर्ष, करीमनगर, तेलंगाना) पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे और कई हिंसक घटनाओं में शामिल रहे. उनकी गतिविधियों में सुरक्षा बलों और नागरिकों के कई हताहत होने की घटनाएं शामिल हैं. मुठभेड़ स्थल की तलाशी में भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई, जिससे माओवादी संगठन को बड़ी क्षति पहुंची है.

बस्तर आईजी की अपील, हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में लौटें नक्सली

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने कहा है कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के खिलाफ चलाए जा रहे निर्णायक अभियानों से संगठन को बड़ी चोट पहुंची है. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार और बस्तर की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा कर रहे हैं. पुलिस महानिरीक्षक ने नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट आएं. सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सुरक्षा और लाभ उठाएं.