पटना। आज बिहार युवा कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा। यह मार्च बिहार कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम से शुरू होकर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचेगा। इस मार्च का उद्देश्य दो मुख्य मुद्दों पर विरोध जताने की तैयारी की जिसमें पहला तो वोट चोरी का आरोप और दूसरा अडानी को 1 रुपये प्रति वर्ष पर जमीन देने का विरोध। बिहार कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि यह कदम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया है।

वोट चोरी और धोखाधड़ी का आरोप

कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि बिहार में वोट चोरी के लिए साजिश रची जा रही है। उनका कहना है कि अगर वोट चोरी से काम नहीं चलता, तो सरकार ने गौतम अडानी को सभी अधिकार सौंपने का निर्णय लिया है। पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि अडानी को बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती में 1050 एकड़ जमीन दी गई है, और यह जमीन उन्हें सिर्फ 1 रुपये प्रति वर्ष के किराए पर दी गई है। इस जमीन का उपयोग अडानी द्वारा पावर प्लांट स्थापित करने के लिए किया जाएगा।

अडानी को जमीन देने का विरोध

कांग्रेस का आरोप है कि इस समझौते से किसानों के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहण की जा रही है, और उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा। पवन खेड़ा का कहना है कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए अडानी समूह को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है। वे यह भी कहते हैं कि इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा के दौरान कुछ किसानों को नजरबंद कर दिया गया है, ताकि वे विरोध न कर सकें।

रैली में प्रमुख नेता शामिल होंगे

आज के विरोध मार्च में बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, सीएलपी नेता डॉ शकील अहमद खान, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भान चिब और प्रदेश अध्यक्ष शिव गरीब दास भी शामिल होंगे। इन नेताओं का कहना है कि वे किसानों और आम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करेंगे। कांग्रेस का यह कदम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार के खिलाफ जनता को जागरूक करने का प्रयास है।

विरोध में शामिल नेता और लक्ष्य

कांग्रेस का यह आंदोलन राज्य सरकार द्वारा अडानी को दी गई जमीन और किसानों के साथ किए गए अन्याय के खिलाफ है। बिहार कांग्रेस का मानना है कि इस मुद्दे को उठाकर वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल कर सकेंगे और जनहित में निर्णय लेने के लिए उन्हें मजबूर कर सकेंगे। आज के विरोध मार्च के दौरान कांग्रेस के कई नेताओं ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की योजना बनाई है ताकि सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि जनता और कांग्रेस इस तरह के सौदों का विरोध करती है।