रायपुर. बलरामपुर में तैनात पुलिस अधिकारी याकूब मेमन के खिलाफ महिला की शिकायत पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में सोमवार को रायपुर सत्र न्यायालय ने उन्हें अग्रिम जमानत दी. बता दें कि मेमन ने पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने महिला पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था. इसके बाद महिला ने भी उनके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सत्र न्यायालय ने डीएसपी याकूब मेमन को राहत देते हुए अग्रिम जमानत दे दी.

जानिए पूरा मामला

बलरामपुर जिले में एसडीओपी पद पर पदस्थ डीएसपी याकूब मेमन पर बीते दिन एक महिला ने दुष्कर्म और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था. वहीं अधिकारी ने महिला पर आर्थिक मदद के नाम पर नजदीकियां बढ़ाने और मकान हड़पने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. डीएसपी ने महिला के खिलाफ 12 सितंबर को ही सरगुजा आईजी को शिकायत दी थी. आवेदन में उन्होंने कहा था कि महिला ने उन्हें हनीट्रैप किया है. फिलहाल टिकरापारा थाने में डीएसपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

पीड़िता का यह है आरोप

पीड़िता का कहना है कि रायपुर में पोस्टिंग के दौरान याकूब मेमन ने उसका दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर धमकाता रहा. महिला का कहना है कि वह टिकरापारा स्थित मेमन के मकान में किराए पर रहती थी. बलरामपुर में पदस्थापना होने के बाद भी वह उनके संपर्क में रही.

डीएसपी ने भी लगाया आरोप

वहीं डीएसपी याकूब मेमन ने सरगुजा आईजी को दी शिकायत में महिला पर हनीट्रैप का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि महिला ने पहले आर्थिक मदद मांगी और फिर जानबूझकर नजदीकियां बढ़ाई. पति के इलाज के दौरान जान-पहचान हुई थी. उन्होंने दावा किया कि महिला ने वीडियो कॉल के दौरान उनका अर्धनग्न स्क्रीनशॉट लिया और इसके आधार पर ब्लैकमेलिंग शुरू की. अब तक डेढ़ लाख रुपये वसूल चुकी है और मकान अपने नाम करने का दबाव बना रही थी. जब उन्होंने मना किया तो झूठे केस दर्ज कराने की धमकी दी.