रायपुर। एक ओर जहां छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में सुरक्षा बल के जवान दुर्गम जंगल-पहाड़ों पर माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. वहीं इधर माओवादी अब अपनी मांद से निकलकर राजधानी रायपुर में फर्जी पहचान पत्र बनाकर शहरी नक्सल नेटवर्क तैयार कर रहे हैं. रायपुर में गिरफ्तार किए गए नक्सल दंपत्ति के पास से पुलिस ने ऑटोमैटिक रवॉल्वर बरामद किया है और मामले में बड़ा खुलासा किया है.


चंगोराभाठा इलाके में बीते 2 महीने से निवासरत नक्सली दंपत्ति की असली पहचान मेकाहारा अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. इसके बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की. इस दौरान दंपत्ति के पास से पुलिस को ऑटोमैटिक रिवॉल्वर के साथ चौंका देने वाली जानकारी मिली.
सूत्रों का दावा है कि यह दंपत्ति नक्सलियों का शहरी नेटवर्क संचालित कर रहा था और राजधानी में गहरी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहा था. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र के रहने वाले जग्गू उर्फ रमेश कुरसम (28) और उसकी पत्नी कमला कुरसम (27) के रूप में हुई है.

पुलिस ने महिला नक्सली कमला को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है, जबकि उसका पति जग्गू पुलिस रिमांड पर है. SIA ने उसे तीन दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान नक्सली नेटवर्क से जुड़े कई और राज सामने आ सकते हैं.
इस सनसनीखेज खुलासे के बाद रायपुर समेत पूरे प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है. मामला गंभीरता से लेते हुए डीडी नगर थाना में UAPA अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है.
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि नक्सली दंपत्ति लंबे समय से राजधानी में सक्रिय था और गुपचुप तरीके से अपने शहरी नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश कर रहा था. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इनके संपर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं.
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