Dussehra Sona Patti Tradition: विजयादशमी पर हर साल देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है. इस बार विजयादशमी 2 अक्तूबर 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी. रावण दहन और देवी की आराधना के साथ इस दिन की एक खास परंपरा है – सोना पत्ती बांटना. दशहरे पर सोना पत्ती देने की इस अनोखी परंपरा के पीछे आस्था, संस्कृति और विज्ञान सभी की झलक मिलती है. यही कारण है कि यह प्रथा आज भी उतनी ही लोकप्रिय और प्रासंगिक है जितनी सदियों पहले थी.

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Dussehra Sona Patti Tradition
Dussehra Sona Patti Tradition

पौराणिक महत्व (Dussehra Sona Patti Tradition)

शास्त्रों के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों ने अपने वनवास के अंतिम वर्ष में शस्त्रों को शमी वृक्ष में सुरक्षित रखा था. विजयादशमी के दिन उन्होंने इन्हीं शस्त्रों को निकालकर कौरवों पर विजय प्राप्त की. तभी से शमी वृक्ष की पत्तियों को सोने के समान शुभ माना जाने लगा और दशहरे पर सोना पत्ती बांटने की परंपरा शुरू हुई.

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सोना पत्ती बांटकर शुभकामनाएँ देते हैं (Dussehra Sona Patti Tradition)

विजयादशमी पर लोग आपस में सोना पत्ती बांटकर शुभकामनाएँ देते हैं. इस परंपरा का मकसद सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक भी है. ग्रामीण अंचलों और व्यापारिक समुदाय में शमी की पत्ती समृद्धि और व्यापार की वृद्धि का प्रतीक मानी जाती है. इसे एक-दूसरे को देना परिवार और समाज में सौहार्द व अच्छे संबंध बनाए रखने का भी संदेश देता है.

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