शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज एमपी राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 30वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान सीएम ने छत्तीसगढ़ समेत 3 राज्यों को 3 जोड़े टाइगर भेजने, असम से 1 सींग वाला गेंडा प्रदेश में लाने की तैयारी करने समेत कई विषयों पर गहन चर्चा की। इस दौरान कई प्रस्तावों को हरी झंडी भी दी।
एमपी के फॉरेस्ट लाइफ का करें प्रचार
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बैठक में कहा कि एमपी में पाई जाने वाली फ्लोरल एंड फौनल डायवर्सिटी (वानस्पतिक एवं जैविक विविधताओं) के बारे में प्रॉपर ब्रांडिंग की जाए। प्रदेश के समृद्ध वन क्षेत्रों एवं यहां के वनों में वन्य जीवों की सहज दृश्यता का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। भारतीय फिल्म डिवीजन, डिस्कवरी और अन्य चैनल्स के साथ मिलकर शॉट फिल्म्स, डाक्यूमेंटरी फिल्म, प्रमोशनल्स कैपसूल्स तैयार कर मध्यप्रदेश की वन विशिष्टताओं के बारे में पूरे विश्व को बताएं।

एमपी के टाइगर को 3 राज्यों में भेजने पर चर्चा
सीएम ने आगे कहा कि असम से गेंडा या एक सींग वाला गेंडा प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं। प्रदेश की नदियों में मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल सहित डॉल्फिन जैसे जलीय जीव मुक्त करने के लिए तैयारी करें। बैठक में तीन राज्यों उड़ीसा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को तीन जोड़े टाइगर देने पर गहन विचार विमर्श किया गया।
पन्ना और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक और कन्जर्वेशन रिजर्व
इस दौरान प्रदेश में पन्ना और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में एक और कन्जर्वेशन रिजर्व बनाए जाने पर विचार मंथन हुआ। कान्हा और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र में बालाघाट जिले के सोनेवानी फॉरेस्ट रेंज को समाहित करते हुए एक पृथक कन्जर्वेशन रिजर्व बनाने की प्रबल संभावनाएं भी जताई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिया कि राज्य में जंगली हाथियों के कारण हो रही दुर्घटनाओं एवं उनसे मानव द्वन्द को रोकने के लिए समुचित उपाय किए जाएं।
इन प्रस्तावों को मिली स्वीकृति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में विभिन्न प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें खण्डवा एवं बैतूल जिले में सतपुड़ा-मेलघाट कॉरीडोर में 17.148 हेक्टेयर वन भूमि एनएचएआई खण्डवा को उपयोग के लिए मंजूरी दी गई। सिंघोरी अभयारण्य के अंतर्गत ग्राम देहगांव-बम्होरी मार्ग के बेलगांव तक सी.सी. रोड निर्माण के लिए 0.85 हेक्टेयर अभयारण्य वन भूमि ईई आरईएस रायसेन को उपयोग के लिए दी गई। पदमश्री डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर टाइगर रिजर्व (रातापानी अभयारण्य) के बफर जोन की 1.575 हेक्टेयर भूमि ईई पीडब्ल्यूडी रायसेन को उपयोग के लिए दी गई। इसी प्रकार अन्य प्रस्तावों में भी वन भूमि क्षेत्र में निर्माण कार्यों एवं अन्य प्रकार के उपयोग की अनुमतियां दी गई।
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