Navratri Donation: नवरात्रि का पावन अवसर ग्रह दोषों से मुक्ति और ग्रह शांति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में यह मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में विशेष दान सामग्री अर्पित करने से जातक को देवी की कृपा के साथ-साथ ग्रहों के अशुभ प्रभाव से भी राहत मिलती है. यह उपाय जीवन को दोषमुक्त कर सकारात्मक परिणाम देने वाला माना गया है.
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ग्रह अनुसार दान सामग्री की सूची (Navratri Donation)
ग्रहों को प्रसन्न करने और उनकी शांति के लिए कौन-सा दान करना उचित है, इसकी विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है.
- सूर्य – गेहूं, लाल वस्त्र, गुड़, मसूर, तांबा, माणिक्य, लाल पुष्प, स्वर्ण, गाय
- चंद्र – चावल, श्वेत वस्त्र, शक्कर, सफेद पुष्प, कपूर, दूध, दही, चांदी, मोती, शंख, घी
- मंगल – लाल वस्त्र, मूंगा, मसूर, तांबा, गुड़, लाल पुष्प, रक्त चंदन
- बुध – साबुत मूंग, हरा वस्त्र, कांसे के पात्र, मिश्री, हरे फल, किताबें, पन्ना
- गुरु – चना, हल्दी, पीला वस्त्र, स्वर्ण, पुखराज, चने की दाल, पीले पुष्प, पीले फल
- शुक्र – श्वेत वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, चांदी, चावल, इत्र, श्वेत चंदन, दूध, दही, सौंदर्य सामग्री
- शनि – काले वस्त्र, उड़द, काले तिल, तेल, लोहा, छाता, कंबल, नीलम
- राहु – काला वस्त्र, उड़द, तेल, लोहे का पात्र, कंबल, सप्तधान्य, गोमेद, कुत्ते को रोटी, शीशा
- केतु – काले तिल, चमेली का तेल, लहसुनिया, चितकबरा कंबल, साबुत उड़द, काली मिर्च, कुशा
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कब और कैसे करें दान? (Navratri Donation)
दान का समय भी ग्रह के शुभ फल प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
- सूर्य, मंगल और शुक्र का दान प्रातःकाल में और संबंधित ग्रह की आराधना के साथ करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है.
- चंद्र और गुरु के लिए वस्त्र और उपयुक्त वस्तुओं का दान संध्या के समय करने से शुभ फल मिलते हैं.
- शनि, राहु और केतु के लिए काले रंग की वस्तुएं, तेल, कंबल, उड़द आदि का दान दिन के मध्य या रात के समय करना उचित है.
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