ग्रेटर नोएडा. 2017 से पहले जो यूपी पिछड़ा था, आज आर्थिक तरक्की की मिसाल बन चुका है. अब यूपी सुरक्षा और सुशासन का पर्याय बन चुका है. प्रदेश विकास के पैमाने पर चौतरफा तरक्की कर रहा है. यह बातें उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में आयोजित ‘ट्रांसफॉर्मिंग फाइनेंशियल लैंडस्केप इन यूपी’ में कहीं. कार्यक्रम को प्रदेश के एमएसएमई, खादी और ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान, वित्त विभाग के विशेष सचिव समीर वर्मा, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य महा प्रबंधक इंदर मोहन सिंह समेत कई अन्य अतिथियों ने संबोधित किया.
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वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के उद्यमियों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है। यह आयोजन किस कदर सफल है, इसका अंदाजा यहां बढ़ रही निवेशकों और उद्यमियों की संख्या से लगाया जा सकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि जब से केंद्र में एनडीए और यूपी में योगी सरकार आई है, कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ हुई है और संगठित अपराध खत्म हो चुका है। इसके चलते जो प्रदेश कभी अर्थव्यवस्था और विकास के पैमाने पर पिछड़ा हुआ था वह अब तरक्की की नई इबारत लिख रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिना थके, बिना रुके यूपी के विकास के लिए सतत काम कर रहे हैं। 2017 से पहले यूपी की स्थिति बेहद खराब थी, लेकिन आज पूरी दुनिया में लोग यूपी को बेहतर कानून व्यवस्था और आर्थिक तरक्की के लिए जानते हैं। विदेशी दौरों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां भी लोग कहते हैं कि योगी जैसा नेता चाहिए.
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यूपी में बह रही विकास की गंगा
वित्त मंत्री ने बताया कि योगी सरकार में यूपी का बजट और उसका आकार लगातार बढ़ा है. 2018 तक बजट का साइज 3 लाख करोड़ तक था, जो आज बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है. उन्होंने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति सही होने की वजह से यूपी में विकास की गंगा बह रही है और अब तक 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आ चुका है. प्रदेश सरकार निवेशकों की हर संभव मदद कर रही है. निवेशकों की सहूलियत के लिए निवेश मित्र और निवेश सारथी जैसे एप बनाए गए हैं.
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एफडीआई आकर्षित करने में यूपी देश में अव्वल
वित्त मंत्री ने उद्यमियों से अपील की है कि वे अपने उत्पाद की क्वालिटी पर विशेष ध्यान दें ताकि वैश्विक स्तर पर भारतीय उत्पाद भरोसेमंद ब्रांड बने. राष्ट्रीय बैंकों को सीडी रेश्यो सुधारने की नसीहत देते हुए खन्ना ने कहा कि प्राइवेट बैंकों की शर्तें और सिक्योरिटी मेजर्स राष्ट्रीय बैंकों से ज्यादा हैं, इसके बावजूद उनका सीडी रेश्यो बेहतर है. इसलिए नेशनलाइज्ड बैंकों को आत्मनिरीक्षण कर सुधार करना चाहिए और बैंकों को और अधिक उदार रवैया अपनाना चाहिए. उन्होंने बताया कि एफडीआई आकर्षित करने में यूपी देश में अव्वल है और अब तक 3700 करोड़ रुपये का एफडीआई आ चुका है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को विकसित राष्ट्र की संकल्पना को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का परिणाम है.
जीएसटी रिफॉर्म से आम जनता को मिलेगा बड़ा लाभ
सुरेश खन्ना ने कहा कि जीएसटी में राहत से आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा. यूपी का एक्सपोर्ट 2014 से पहले 84,000 करोड़ रुपये का था, जो आज बढ़कर 1,76,000 करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है. यूपी की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल आया है. हमने अपने बजट में 133 प्रतिशत की वृद्धि की है और वर्ष 2024-25 में 59,000 करोड़ रुपये के राजस्व सरप्लस स्टेट बने हैं. हमारी आय हमारे खर्च से कहीं ज्यादा है और इस मामले में यूपी देश में सबसे आगे है.
एमएसएमई सबसे बड़ा रोजगार देने वाला सेक्टर
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि प्रदेश का बजट इस बार अब तक का सबसे बड़ा रहा और योगी जी के नेतृत्व में यूपी लगातार आर्थिक तरक्की कर रहा है. देश की जीडीपी में योगदान के मामले में यूपी का स्थान अब दूसरे नंबर पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 25 करोड़ लोगों के लिए कई योजनाएं चलाई गईं. एक जिला, एक उत्पाद और विश्वकर्मा योजना जैसी योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया है. विश्वकर्मा जयंती पर योजना में 10 और ट्रेड जोड़े गए हैं, जबकि पहले केवल 12 ट्रेड थे. कृषि के बाद एमएसएमई सबसे बड़ा सेक्टर है, जो रोजगार देता है. जीएसटी सुधारों के बाद इस सेक्टर में और अधिक तरक्की के द्वार खुल गए हैं. उत्तर प्रदेश अब उद्यम प्रदेश बन रहा है. बड़ी संख्या में युवा अपना उद्यम शुरू करने के लिए ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर रहे हैं. अब तक 7 लाख से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं, जिन्हें रिव्यू करने के बाद बैंकों को भेजा गया है. लेकिन कई बार युवाओं को ऋण प्राप्त करने में कठिनाई आती है. उन्होंने बैंकों से कहा कि उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए, ताकि कोई भी युवा ऋण से वंचित न रह जाए. सचान ने कहा कि एमएसएमई उद्यमियों की यह भी मांग है कि जिस तरह किसानों को ऋण के लिए क्रेडिट कार्ड दिया जाता है, उसी तर्ज पर एमएसएमई के लिए भी एक अलग क्रेडिट कार्ड जारी किया जाए.
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