केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जनवरी में बड़ी घोषणा की थी। इसने केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। वैष्णव ने ऐलान किया था कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है। इस आयोग से लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। हालांकि, इस घोषणा के नौ महीने बाद भी आयोग की आधिकारिक अधिसूचना, टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) और सदस्यों की नियुक्ति पर कोई नया अपडेट नहीं आया है। कर्मचारी अभी भी इसके लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। पिछले आयोगों के समय को देखते हुए 8वें वेतन आयोग को पूरी तरह से लागू होने में 2028 तक का समय लग सकता है।
आयोग के गठन के बाद रिपोर्ट तैयार होने और सरकार की ओर से मंजूरी मिलने में आमतौर पर दो से तीन साल लगते हैं। अगर यह लागू होता है तो लेवल-1 के केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी ₹18 हजार से बढ़कर ₹44 हजार हो सकती है। आयोग 2.46 फिटमेंट फैक्टर लागू कर सकता है।
8वां वेतन आयोग में सैलरी कितनी बढ़ सकती है?
बेसिक सैलरी में में कितनी बढ़ोतरी होगी ये फिटमेंट फैक्टर और DA मर्जर पर निर्भर करता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। 8वें में ये 2.46 हो सकता है। हर वेतन आयोग में DA जीरो से शुरू होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नई बेसिक सैलरी पहले से ही महंगाई को ध्यान में रखकर बढ़ाई जाती है। इसके बाद DA फिर से धीरे-धीरे बढ़ता है। अभी DA बेसिक पे का 55% है। DA के हटने से टोटल सैलरी (बेसिक + DA + HRA) में बढ़ोतरी थोड़ी कम दिख सकती है, क्योंकि 55% DA का हिस्सा हट जाएगा।
मान लीजिए, आप लेवल 6 पर हैं और 7वें वेतन आयोग के हिसाब से आपकी मौजूदा सैलरी है:
- बेसिक पे: ₹35,400
- DA (55%): ₹19,470
- HRA (मेट्रो, 27%): ₹9,558
- टोटल सैलरी: ₹64,428
8वें वेतन आयोग में अगर फिटमेंट 2.46 लागू होता है, तो नई सैलरी होगी:
- नई बेसिक पे: ₹35,400 x 2.46 = ₹87,084
- DA: 0% (रीसेट)
- HRA (27%): ₹87,084 x 27% = ₹23,513
- टोटल सैलरी: ₹87,084 + ₹23,513 = ₹1,10,597
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
ये एक मल्टीप्लायर नंबर है, जिसे मौजूदा बेसिक सैलरी से गुणा करके नई बेसिक सैलरी निकाली जाती है। वेतन आयोग इसे महंगाई और लिविंग कॉस्ट को ध्यान में रखकर तय करता है।
8वां वेतन आयोग में 2028 तक का समय क्यों लग सकता है?
हर वेतन आयोग को सेटअप होने से लेकर लागू होने तक में आमतौर पर दो से तीन साल लग जाते हैं। अभी 2025 खत्म होने में तीन महीने बाकी हैं। अगर कमीशन जल्दी गठित भी हो गया, तो रिपोर्ट तैयार करने, सरकार की मंजूरी लेने और सब कुछ फाइनल करने में टाइम लगेगा। पिछली आयोगों को देखें तो यही पैटर्न दिखता है। 2028 तक पूरी तरह से लागू होने का मतलब यह नहीं है कि इसका फायदा भी 2028 से ही मिलेगा। वेतन आयोग हर 10 साल में आते हैं। 7वां 2016 में लागू हुआ, तो 8वां का “इफेक्टिव डेट” 1 जनवरी 2026 से तय है। मतलब, सैलरी और पेंशन की बढ़ोतरी इसी डेट से काउंट होगी।
क्यों होता है वेतन आयोग का गठन?
वेतन आयोग का गठन केंद्रीय कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर की समीक्षा और उसमें बदलाव की सिफारिश करने के लिए होता है। यह आयोग कई बातों पर विचार करता है। इनमें महंगाई, देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति और आय में असमानता जैसे फैक्टर शामिल हैं। इसके अलावा यह आयोग कर्मचारियों को मिलने वाले बोनस, भत्ते और अन्य लाभों की भी समीक्षा करता है। आयोग के गठन के बाद रिपोर्ट तैयार करने और उसे सरकार को सौंपने में लगभग दो साल का समय लगता है। रिपोर्ट जमा होने के बाद सरकार को उस पर विचार करने और उसे मंजूरी देने में भी समय लगता है। यही वजह है कि 8वें वेतन आयोग को लागू होने में भी इतना समय लगने की संभावना है।
पिछले वेतन आयोग कब बने, कब लागू हुए?
- 5वां वेतन आयोग: ये अप्रैल 1994 में गठित हुआ था। रिपोर्ट जनवरी 1997 में सरकार को सौंपी गई, लेकिन सिफारिशें 1 जनवरी 1996 से ही लागू हो गईं। पहले 51 पे स्केल्स थे, इन्हें घटाकर 34 कर दिया।
- 6वां वेतन आयोग: ये 20 अक्टूबर 2006 को स्थापित हुआ रिपोर्ट मार्च 2008 में तैयार होकर सरकार के पास पहुंची। अगस्त 2008 में रिपोर्ट को मंजूरी मिली और सिफारिशें 1 जनवरी 2006 से लागू हुईं।
- 7वां वेतन आयोग: फरवरी 2014 में ये बना और मार्च 2014 तक टर्म्स ऑफ रेफरेंस फाइनल हो गए। रिपोर्ट नवंबर 2015 में सौंपी गई। जून 2016 में सरकार ने अप्रूव किया और सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हो गईं।
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