Bihar Politics: भोजपुरी पावरस्टार और अब तेजी से राजनीति की जमीन पर उतरते नजर आ रहे पवन सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार खबर यह है कि वे उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) में शामिल हो सकते हैं. पवन सिंह ने मंगलवार को पटना में राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की. इस मुलाकात को लेकर राजद सांसद सुधाकर सिंह का बड़ा बयान दिया है.
राजद सांसद सुधाकर सिंह कहा कि यह स्पष्ट है कि उपेंद्र कुशवाहा, जो बिहार के कुशवाहा समाज के एक स्थापित नेता थे, उनकी नेतृत्व क्षमता को चुनौती देने और उनकी राजनीतिक ताकत को लगभग समाप्त करने के उद्देश्य से भाजपा ने पवन सिंह को उनकी बी-टीम के रूप में चुनावी मैदान में उतारा. भाजपा इस लक्ष्य में निश्चित रूप से कामयाब रही. उन्होंने कहा कि आज उपेंद्र कुशवाहा की राजनीतिक ताकत को कम करने में भाजपा सफल रही है. पवन सिंह आज किससे मिलते हैं, इसका कोई खास महत्व नहीं रह गया है, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा अब बिहार की राजनीति में अप्रासंगिक हो गए हैं. उनकी मोलभाव की क्षमता को खत्म करने के लिए ही भाजपा ने पवन सिंह का इस्तेमाल किया था, और इस राजनीतिक रणनीति में भाजपा सफल रही.
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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग आज फाइनल वोटर लिस्ट जारी करेगा. जिस पर सुधाकर सिंह ने कहा कि देखिए, जब हमारी इलेक्शन कमीशन से मुलाकात हुई थी, तो कमीशन ने कहा था कि जब हमने SIR प्रक्रिया शुरू की थी, तब बिहार में 20% मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने का हमारा एजेंडा था. किसी वैध मताधिकार को समाप्त करना, फांसी की सज़ा के बराबर है. इलेक्शन कमीशन जो वोट चोरी कर रहा था, वह पूरे बिहार में व्यापक जनमानस तक पहुंच गया. इस सजगता के कारण हमें लगता है कि 65 लाख से ज्यादा मतदाता सूची में जो नाम यह काटने वाले थे, वह नाम काटने में सफल नहीं हुए होंगे, आज शाम तक पता चल जाएगा.
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सुधाकर सिंह ने महागठबंधन में सीट बंटवारे और नए दलों के शामिल होने पर कहा कि देखिए, सीटें लगभग तय हो चुकी हैं. यह कोई बहुत बड़ी समस्या वाला क्षेत्र नहीं है. नए गठबंधन में जो साथी आए हैं, स्वाभाविक है कि उनके लिए भी सीटें निर्धारित करनी हैं. यह सारी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. दो-चार दिनों में तेजस्वी जी के नेतृत्व में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा और इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा. यह कोई विशेष रूप से बड़ा मुद्दा नहीं है. बिहार नीतीश कुमार से मुक्ति चाहता है.
राजद सांसद ने राहुल गांधी के विदेश दौरे पर कहा कि राहुल गांधी हों या देश का कोई भी नेता, बिहार में एकमुश्त 16 दिन नहीं रहे. राहुल गांधी बिहार को लेकर कितने गंभीर हैं कि वह लगातार 16 दिन गांव-गांव, गलियों-गलियों में घूमे. भारतीय डायस्पोरा दुनिया भर में फैला हुआ है, जो हमारे अत्यंत प्रतिभावान और योग्य लोग हैं. उनसे समन्वय और संवाद के लिए हमारे नेता दुनिया भर में जाते रहते हैं. यह कोई आलोचना का विषय नहीं है.
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