प्रदीप गुप्ता, कवर्धा. नया भारत डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है, लेकिन आज भी गांवों में कुप्रथाओं की जड़ें खत्म नहीं हो पा रही हैं. ऐसा ही एक मामला कुंडा थाना क्षेत्र के अखरा गांव से सामने आया है, जहां राजेंद्र प्रसाद चंद्रवंशी और उनका परिवार बीते तीन सालों से सामाजिक बहिष्कार की पीड़ा झेल रहा है.


जानकारी के अनुसार, समाज के तथाकथित ठेकेदारों ने इस परिवार को समाज से बाहर कर दिया और गांव में हुक्का-पानी तक बंद करवा दिया है. इतना ही नहीं, फरमान जारी किया गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति इस परिवार को किसी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने निमंत्रण देगा तो उस पर 51 हजार और 21 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
सामाजिक बहिष्कार की चौंकाने वाली वजह

इस सामाजिक बहिष्कार की वजह बेहद चौंकाने वाली है. दरअसल, राजेंद्र चंद्रवंशी अपने भतीजे की शादी में शामिल हुए थे. शादी में डीजे बज रहा था, जबकि समाज में डीजे पर प्रतिबंध है. इस पर समाज के नेताओं ने पूरे परिवार को बहिष्कृत कर दिया. जबकि हकीकत यह है कि पीड़ित परिवार अपने भतीजे से पिछले 20 सालों से अलग रहता है.
परिवार का कहना है कि गांव के दुकानदार उन्हें सामान तक नहीं देते. हैंडपंप से पानी भरने नहीं देते और गांव वाले बातचीत भी पूरी तरह से बंद कर चुके हैं. इस अमानवीय व्यवहार के चलते पूरा परिवार तीन वर्षों से अपमान और तिरस्कार का जीवन जीने को मजबूर है.
पुलिस से न्याय की गुहार
न्याय की तलाश में राजेंद्र प्रसाद चंद्रवंशी अपने बेटे के साथ कवर्धा पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवाई के पास पहुंचे और समाज में पुनः शामिल करने की गुहार लगाई. मामले को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह बघेल ने जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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