राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ को आज 100 साल पूरे हो गए। विजयादशमी के दिन साल 1925 में इस संगठन की स्थापना हुई थी, जिसके बाद से लेकर अब तक इसकी देशभक्ति, देश की आजादी में योगदान और अंग्रेजों का साथ देने के आरोप अक्सर लगते आए हैं। भारतीय जनता पार्टी की पैरेंट संस्था कही जाने वाली आरएसएस पर कभी महात्मा गांधी की हत्या के भी इल्जाम लगे, पर आज इन सबके बावजूद,यह देश का सबसे बड़ा गैर राजनीतिक संगठन है,लेकिन आज संघ पर कांग्रेस के एक नेता ने तीखे हमले किए हैं। कांग्रेस नेता उदित राज ने इसे आतंकी संगठन कहकर संबोधित किया और कहा कि वो पंडित नेहरू थे जिनकी उदारता के कारण ये संगठन बच गया।
RSS ने आजादी से पहले देश के साथ गद्दारी की
उदित राज ने संघ के 100 साल पूरे होने पर कहा कि RSS ने आजादी से पहले देश के साथ गद्दारी की। आजादी के बाद, इन्होंने देश को बांटने का काम किया है। संघ एक आतंकवादी संगठन है। सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था। भारत के पहले पीएम पंडित नेहरू उदारवादी थे, इसलिए ये बच गए। इतना ही नहीं, ये हमेशा हिंदू-मुस्लिम के झगड़े में शामिल रहते हैं। इन्होंने ही दो-राष्ट्र का सिद्धांत दिया था और 52 सालों तक इन्होंने हमारे राष्ट्रीय ध्वज को नहीं अपनाया। तो आज इसी आतंकवादी संगठन की शताब्दी मनाई जा रही है।
‘न मोदी होते और न संघ रहता..’
संघ पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि साल 1929-30 की बात है, कुछ लोग जेल भरो आंदोलन के बारे में समर्थन मांगने डॉक्टर हेडगवार के पास आए थे। उन्होंने कहा कि जिसकी इच्छा है वो जाए, पहले अपने लोगों को देखना है, परिवार को देखना है। उन्होंने आगे कहा कि संघ ने 1942 में हिटलर के खिलाफ ब्रिटिश सेना में भर्ती के लिए कैंप लगाए थे। संघ ने आंबेडकर के जीते जी पुतला जलाने का काम किया, महात्मा गांधी का हत्यारा नाथूराम गोडसे संघ का था। सरदार पटेल और दिनों तक जिंदा रहते तो न मोदी होते और न संघ रहता।
डाक टिकट और सिक्का जारी किया जाना गांधी का अपमान
कांग्रेस के नेता उदित राज ने RSS को एक आतंकवादी संगठन बताया है। उन्होंने कहा कि इनकी आइडियोलॉजी ने ही महात्मा गांधी जी की हत्या की है। आज गांधी जयंती है। गांधी जी ने देश को आजाद कराया और उनके जन्मदिन पर एक हत्यारे संगठन का सम्मान व महिमामंडल होना बेहद दुखद बात है। यह उन हिंसक लोगों का सम्मान है, जिनकी वजह से समाज को आघात पहुंच रहा है। गांधी जयंती पर जब स्मारक, डाक टिकट और सिक्का जारी किया गया, तब यह और भी पीड़ादायक हो गया कि गांधी जी की हत्या करने वाली सोच को आज भी महत्व दिया जा रहा है।
गांधी जी की हत्या कर दी गई, लेकिन अब जब वे नहीं हैं तो उनका अपमान किया जा रहा है। उदित राज ने आगे कहा कि आरएसएस की इस देश में कोई भूमिका नहीं रही है। यह केवल सत्ता को बचाए रखने का साधन मात्र है। मेरा सवाल है कि अगर आरएसएस सचमुच सभी हिंदुओं का संगठन होता, तो इसके सर संघचालक हमेशा ब्राह्मण ही क्यों होते? कोई दलित, कोई पिछड़ा, कभी कोई महिला क्यों नहीं बनी? यही कारण है कि यह संगठन देशद्रोही और आतंकी सोच वाला संगठन कहा जाता है।
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