भारत और चीन के बीच लंबे समय से रुकी डायरेक्ट एयर सर्विसेज अब दोबारा शुरू होने जा रही हैं. विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान जारी कर बताया कि दोनों देशों की सिविल एविएशन अथॉरिटीज के बीच तकनीकी स्तर पर चली बातचीत के बाद सहमति बनी है. यह फैसला दोनों देशों के रिश्तों को धीरे-धीरे सामान्य करने की कोशिश का हिस्सा है. एमईए के मुताबिक, अक्टूबर 2025 के अंत तक भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें दोबारा चालू हो जाएंगी. यह फैसला विंटर शेड्यूल को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. हालांकि उड़ानों का संचालन पूरी तरह दोनों देशों की एयरलाइंस के कॉमर्शियल फैसले और ऑपरेशनल मानकों को पूरा करने पर निर्भर करेगा.

रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने की कोशिश

पिछले कुछ वर्षों में सीमा विवाद और राजनीतिक तनाव के चलते भारत-चीन के रिश्ते बेहद ठंडे पड़ गए थे. कोरोना महामारी के बाद एयर कनेक्टिविटी भी बंद हो गई थी. ऐसे में डायरेक्ट एयर सर्विसेज का फिर से शुरू होना सिर्फ यात्रियों की सहूलियत का मामला नहीं है, बल्कि इसे दोनों देशों के बीच भरोसा बहाल करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

पीपल-टू-पीपल कॉन्टैक्ट पर जोर

सरकार का मानना है कि इस समझौते से भारत और चीन के बीच ‘पीपल-टू-पीपल कॉन्टैक्ट’ बढ़ेगा. स्टूडेंट्स, बिजनेसमैन और टूरिस्ट्स के लिए यह कनेक्शन खास मायने रखता है. खासकर उन भारतीय छात्रों के लिए जो चीन में मेडिकल या टेक्निकल पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह सीधा एयर लिंक राहत लेकर आएगा. डायरेक्ट एयर सर्विसेज का फिर से शुरू होना भारत-चीन रिश्तों में पूरी तरह सुधार का संकेत नहीं है. लेकिन यह संकेत जरूर है कि दोनों देश अब टकराव से ज्यादा संवाद और कनेक्टिविटी पर जोर देना चाहते हैं. एयर लिंक बहाल होने के बाद अगला कदम ट्रेड और कल्चरल एक्सचेंज को बढ़ाना हो सकता है.

एलएसी पर गश्त के नियमों पर सहमति बनी

दोनों देशों ने 3,500 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के नियमों पर सहमति बनाई, जिससे चार साल पुराना सीमा विवाद कम हुआ. विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने पिछले साल हुए समझौते और सीमा पर शांति बनाए रखने की सराहना की. उन्होंने आपसी सहमति से सीमा मुद्दे का उचित समाधान निकालने और दोनों देशों के लोगों के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखने की प्रतिबद्धता जताई.

भारत-चीन के नेताओं के बीच हुई बात

दोनों नेताओं ने इस महीने की शुरुआत में विशेष प्रतिनिधियों की बातचीत में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का समर्थन करने पर भी सहमति जताई. सितंबर में चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत का दौरा किया और सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि वार्ता की. उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात में कहा कि स्थिर भारत-चीन संबंध दोनों देशों के हित में है और विकासशील देश इसे चाहते हैं. इससे पहले, लंबे समय से स्थगित कैलाश-मानसरोवर यात्रा को 2025 की गर्मियों के लिए बहाल कर दिया गया था.

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